अगर रोज सेक्स की बात करे तो (नियमित सेक्स लाभ) यह न केवल एक हेल्दी रिलेशनशिप का संकेत है, बल्कि इससे आपके बीच के रिश्ते शारीरिक और मानसिक रूप से भी एक अच्छा बॉन्ड बन जाता है। और अगर आपको अलग-अलग एक्सपर्ट की जानकारी के हिसाब से बताए, तो कुछ रिश्ते जो ज्यादातर सेक्सुअल इंटिमेसी को अपनी लाइफ स्टाइल मे आधिक महत्व देते हैं, तो जिससे वे कम बीमार पड़ते हैं, और उनका आपसी रिलेशन भी बहुत चलता है।क्योंकि यह आदत न केवल खुशी बढ़ाती है बल्कि जीवनशैली के रिश्तों के में एक बैलैन्स बनाकर रखती है जिससे आपसी रिश्ते मे किसी तरह की दूरियाँ पैदा नहीं होती है।
अक्सर देखा जाए तो रेगुलर सेक्स एक मजबूत और हेल्दी रिलेशनशिप की नींव है इमोशनल बॉन्डिंग। (नियमित सेक्स लाभ) जिससे इंसान में इमोशनल कनेक्शन और आधिक गहरा हो जाता है। इसलिए सेक्स के दौरान शरीर में ऑक्सीटोसिन, जिसे ‘लव हार्मोन’ कहा जाता है, का स्राव होता है। यह हार्मोन न केवल शारीरिक संतोष देता है, बल्कि पार्टनर्स का एक दूसरे के प्रति भरोसा और प्यार और भावना को भी बढ़ाता है।
सेक्स के दौरान ऑक्सीटोसिन और एंडोर्फिन जैसे हार्मोन रिलीज होते हैं जो नींद की गुणवत्ता को बेहतर बनाते हैं। एंडोर्फिन्स एक प्रकार का नेचुरल रिलैक्सेंट होते हैं जो व्यक्ति को मानसिक रूप से शांत करते हैं और शरीर को आराम देने में मदद करते हैं। शोध से पता चला है कि सेक्स के बाद लोग जल्दी और गहरी नींद में चले जाते हैं, जिससे अगला दिन ऊर्जा से भरा होता है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) की रिपोर्ट बताती है कि सप्ताह में एक से दो बार सेक्स करने वाले लोगों के स्लाइवा में इम्युनोग्लोबुलिन A (IgA) की मात्रा अधिक होती है। यह एंटीबॉडी संक्रमणों से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। IgA खासकर महिलाओं को ह्यूमन पेपिलोमावायरस (HPV) जैसे वायरल संक्रमणों से बचाने में मदद करता है, जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर हो जाती है।
सेक्स एक तरह का कार्डियोवैस्कुलर एक्सरसाइज है जो हृदय की धड़कन, ब्लड सर्कुलेशन और ऑक्सीजन के प्रवाह को बढ़ाता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, नियमित यौन गतिविधि हृदय रोगों और स्ट्रोक के जोखिम को घटाने में सहायक होती है। यह न केवल रोगी बल्कि उनके जीवनसाथी की जीवन गुणवत्ता को भी सुधारती है।
रेगुलर सेक्स (नियमित सेक्स लाभ) तनाव और चिंता को कम करने में बेहद कारगर माना गया है। एंडोर्फिन और अन्य न्यूरोट्रांसमीटर्स के कारण व्यक्ति खुशी और सुकून महसूस करता है। इससे मानसिक स्वास्थ्य को राहत मिलती है और व्यक्ति का मनोबल बढ़ता है। जर्नल ऑफ फैमिली साइकोलॉजी के अनुसार जिन कपल्स की यौन गतिविधि नियमित नहीं थी, उनमें अधिक तनाव और रिश्तों में दूरी पाई गई।
सेक्सुअल इंटिमेसी पेल्विक फ्लोर मसल्स को भी मजबूत करती है। यह मांसपेशियाँ ब्लैडर और यूट्रस के सही कामकाज के लिए जरूरी होती हैं। नियमित यौन गतिविधि इन मसल्स को सक्रिय रखती है जिससे वेजाइनल स्वास्थ्य बेहतर होता है और यूरिनरी इनकॉंटिनेंस जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।
प्लोस वन के एक रिसर्च के अनुसार, पुरुष सेक्स के दौरान प्रति मिनट लगभग 4.2 कैलोरी और महिलाएं 3.1 कैलोरी बर्न करती हैं। यह कैलोरी बर्निंग, सेक्स की अवधि, इंटेंसिटी और पोजिशन पर निर्भर करती है। यह फैट बर्निंग के लिए एक नेचुरल तरीका है जो शरीर को फिट और ऐक्टिव बनाए रखता है।
सेक्स के दौरान रिलीज होने वाले एंडोर्फिन न केवल तनाव को कम करते हैं बल्कि दर्द निवारक के रूप में भी काम करते हैं। कई महिलाओं को सेक्स के बाद माइग्रेन, पीरियड क्रैम्प्स और मसल पेन से राहत महसूस होती है। यह एक प्राकृतिक और बिना दवा के दर्द से निपटने का तरीका है।
गायनोलॉजिस्ट डॉ. सोनम तिवारी के अनुसार, “यौन संबंधों को लेकर अभी भी समाज में खुलापन नहीं है, लेकिन यह एक बेहद जरूरी विषय है। रेगुलर सेक्स न केवल रिश्ते को मजबूत करता है बल्कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है, खासकर उम्र बढ़ने के साथ।