इजरायली हमलों से पूरी तरह से तबाह गाजा पट्टी में फलस्तीनियों ने शुक्रवार को खंडहर हो चुकी मस्जिदों और घरों के बाहर नमाज अदा कर इस्लाम के सबसे महत्वपूर्ण त्योहार बकरीद मनाई। उन्होंने इस इस अवसर पर इजरायल से युद्ध जल्द से जल्द समाप्त होने की दुआएं मांगीं।
लगभग मलबे में तब्दील हो गए गाजा के लोगों को पारंपरिक ईद-उल-अजहा की नमाज खुले आसमान के नीचे अदा करने के लिए मजबूर होना पड़ा। खाद्यान्न की आपूर्ति लगभग बंद होने के कारण वहां के लोगों के लिए तीन दिन के इस त्योहार के लिए खाने का सामान जुटाना भी मुश्किल है, जिस वजह से उन्हें भोजन की किल्लत के बीच ही त्योहार मनाना पड़ रहा है।
दक्षिणी शहर खान यूनिस में नमाज अदा करने के बाद कामेल इमरान ने कहा, ‘‘फलस्तीनी लोगों के खिलाफ अन्यायपूर्ण युद्ध जारी है जिसकी वजह से यहां के लोग अबतक के सबसे बुरे हालात में त्योहार मना रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, “यहां न तो भोजन है, न आटा, न ही आश्रय, न मस्जिद, न घर, न गद्दे... स्थितियां बहुत, बहुत गंभीर है।”
यह लगातार दूसरा साल है जब गाजा के मुसलमान इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक हज करने के लिए सऊदी अरब की यात्रा नहीं कर सके। पूरा फिलिस्तीन खासकर गाजा पट्टी इजरायली हमलों से पूरी तरह खंडहर में तब्दील हो चुका है। अंतरराष्ट्रीय मदद पर इजरायल की समय-समय पर रोक के कारण पूरे गाजा में भोजन और पानी की भारी किल्लत है। लाखों लोग कई-कई दिन बिना कुछ खाए जीने को मजबूर हैं।