Heart attack young age: आजकल कम उम्र में क्यों आ रहे हैं हार्ट अटैक? विशेषज्ञों ने किया कारणों का खुलासा
Varsha Saini July 04, 2025 01:45 PM

PC:saamtv

पहले हम सोचते थे कि हार्ट अटैक सिर्फ बुजुर्गों को होता है। लेकिन अब यह तस्वीर पूरी तरह बदल गई है। हाल के दिनों में कम उम्र के लोगों में दिल की बीमारी के मामलों में चिंताजनक वृद्धि हुई है। कई लोग कम उम्र के बावजूद हार्ट अटैक के कारण अपनी जान गंवा देते हैं। आधुनिक जीवनशैली दिल की सेहत को खराब कर रही है। 

गुरुग्राम स्थित फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट में कार्डियोलॉजी के चीफ डायरेक्टर डॉ. मनजिंदर सिंह संधू ने बताया कि आज का युवा काम या पढ़ाई के बोझ तले दबा हुआ है। लगातार कंप्यूटर, मोबाइल या टीवी स्क्रीन के सामने बैठे रहना, टहलने या व्यायाम के लिए समय न निकाल पाना अब आम बात हो गई है। इसके साथ ही जंक फूड, फास्ट फूड, बाजार में मिलने वाला बासी और तैलीय भोजन, चीनी और नमक की अधिक मात्रा वाले खाद्य पदार्थ शरीर पर तनाव बढ़ाते हैं और दिल पर भी असर डालते हैं। मोटापा भी दिल की सेहत के लिए खतरनाक इन दिनों गलत जीवनशैली के कारण कम उम्र में ही युवाओं में मोटापा दिखने लगा है। एक बार वजन बढ़ने लगता है तो इससे हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याएं होने लगती हैं। ये सभी चीजें सीधे दिल पर असर डालती हैं। इतना ही नहीं, आजकल के खानपान में हृदय के लिए फायदेमंद पोषक तत्वों की भी कमी है।

मानसिक तनाव और हृदय रोग
आज की युवा पीढ़ी मानसिक स्वास्थ्य की एक बड़ी समस्या से भी जूझ रही है। लगातार तनाव, चिंता या अवसाद न केवल मानसिक है, बल्कि ये शरीर को भी प्रभावित करते हैं। तनाव शरीर में स्ट्रेस हॉरमोन 'कोर्टिसोल' को बढ़ाता है, जो रक्तचाप बढ़ा सकता है। ऐसी तनावपूर्ण स्थिति में कई लोग धूम्रपान, शराब पीने या वेपिंग जैसी बुरी आदतें विकसित कर लेते हैं।

आनुवांशिक कारक भी अहम भूमिका निभाते हैं
कुछ लोगों में कम उम्र में दिल का दौरा पड़ने के पीछे जीन शामिल हो सकते हैं। कुछ में 'फैमिलियल हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया' नामक स्थिति होती है, जो आनुवंशिक होती है, जिसके कारण कम उम्र में कोलेस्ट्रॉल बहुत बढ़ जाता है। अगर समय रहते इसकी पहचान हो जाए, तो इसे नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन कई बार इस पर ध्यान नहीं दिया जाता।

समय पर जांच कराएं
कई लोग स्वास्थ्य जांच इसलिए नहीं कराते हैं, क्योंकि कम उम्र में उनके बीमार होने की संभावना कम होती है। लेकिन यह लापरवाही गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है। साल में एक बार दिल की जांच, बीपी, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल की जांच जरूर करानी चाहिए।

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