न्यूनतम शेष नियम नियम देश के कई सरकारी बैंकों ने सेविंग अकाउंट रखने वाले करोड़ों ग्राहकों के लिए एक बड़ी राहत का ऐलान किया है. अब ग्राहकों को न्यूनतम बैलेंस (Minimum Balance) बनाए रखने की बाध्यता से छूट मिल गई है. इससे उन लोगों को सीधा फायदा होगा जिनकी आय सीमित है या जो बहुत कम बैंकिंग ट्रांजैक्शन करते हैं. अब खाते में तय राशि से कम बैलेंस रहने पर कोई पेनल्टी नहीं लगेगी.
न्यूनतम बैलेंस रखने का पुराना नियम क्या था?
अब तक बैंकों में सेविंग अकाउंट के लिए न्यूनतम बैलेंस रखना जरूरी होता था. यह सीमा क्षेत्र के आधार पर अलग-अलग होती थी — मेट्रो, अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में यह ₹500 से ₹3000 तक हो सकती थी. यदि खाता धारक तय सीमा से कम बैलेंस रखता, तो उस पर ₹5 से ₹15 तक जुर्माना और जीएसटी लगाया जाता था.
सबसे पहले राहत देने वाला बैंक
- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने यह सुविधा 11 मार्च 2020 से ही लागू कर दी थी.
- सभी सेविंग खातों से AMB (Average Monthly Balance) की शर्त हटाई गई.
- पहले SBI में औसत बैलेंस न रखने पर ₹5 से ₹15 तक का चार्ज और टैक्स लगता था.
- अब ग्राहक को किसी प्रकार का शुल्क नहीं देना होगा, चाहे बैलेंस कितना भी हो.
1 जुलाई 2025 से लागू हुआ नया नियम
- पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने भी 1 जुलाई 2025 से अपने ग्राहकों को बड़ी राहत दी है.
- अब PNB के सेविंग खातों में न्यूनतम औसत बैलेंस नहीं रखने पर कोई जुर्माना नहीं लिया जाएगा.
- यह फैसला छोटे खाताधारकों और ग्रामीण इलाकों के ग्राहकों को ध्यान में रखकर लिया गया है.
7 जुलाई 2025 से खत्म किया न्यूनतम बैलेंस
- इंडियन बैंक ने भी 7 जुलाई 2025 से यह नियम लागू कर दिया है.
- अब बैंक के सभी सेविंग अकाउंट्स पर न्यूनतम बैलेंस रखने की अनिवार्यता पूरी तरह समाप्त.
- यह निर्णय ग्राहक-केंद्रित पहल और वित्तीय समावेशन को प्रोत्साहन देने की दिशा में उठाया गया है.
Canara Bank: “नो पेनल्टी बैंकिंग” की ओर कदम
केनरा बैंक ने 1 जून 2025 से इस राहत का ऐलान किया था.
निम्नलिखित खातों पर न्यूनतम बैलेंस का कोई चार्ज नहीं लगेगा:
- सामान्य सेविंग अकाउंट
- सैलरी अकाउंट
- एनआरआई अकाउंट
- वरिष्ठ नागरिक और स्टूडेंट अकाउंट
- बैंक ने इसे “नो पेनल्टी बैंकिंग” अभियान का हिस्सा बताया है.
ग्राहकों को होगा ये सीधा फायदा
- अब खातों में कम बैलेंस रहने पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा
- ग्रामीण, निम्न आय वर्ग, और छात्र वर्ग के लिए यह सुविधा बेहद उपयोगी होगी
- छोटे बचतकर्ता भी अब बिना डर के सेविंग अकाउंट का इस्तेमाल कर सकेंगे
- यह कदम डिजिटल बैंकिंग और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देगा
नियमों में बदलाव से क्या हो सकते हैं प्रभाव?
- बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच बढ़ेगी, खासकर ग्रामीण इलाकों में
- कम आय वर्ग के लोग भी अब आराम से बैंक से जुड़ पाएंगे
डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा मिलेगा
बैंकों को अब न्यूनतम बैलेंस चार्ज से मिलने वाली आमदनी में कमी आएगी, लेकिन ग्राहक संख्या में वृद्धि हो सकती है
नए ग्राहकों को यह बातें ध्यान में रखनी होंगी
- यदि आप नया खाता खोलना चाहते हैं, तो बैंक की वेबसाइट या ब्रांच से यह जरूर कन्फर्म करें कि क्या यह नियम आपके खाते पर लागू होता है
- कुछ स्पेशल अकाउंट जैसे HNI या Privilege सेविंग अकाउंट्स पर अलग नियम हो सकते हैं
- पिछले चार्जेस यदि लग चुके हैं, तो उन्हें माफ नहीं किया जाएगा — नियम सिर्फ आगे के लिए लागू होगा
यह बदलाव क्यों जरूरी था?
- महंगाई और घटती आमदनी के दौर में बैंकिंग सेवाओं का बोझ कम करना समय की मांग थी
- अब बैंकों का ध्यान बड़े ग्राहकों से ज्यादा छोटे उपभोक्ताओं तक पहुंच बनाने पर है
- सरकार और RBI भी फाइनेंशियल इन्क्लूजन को लेकर लगातार बैंकों को दिशा दे रहे हैं