वॉशिंगटन। शशि थरूर ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। वॉशिंगटन में शुक्रवार को शशि थरूर ने साफ कहा कि दो असमान पक्षों के बीच मध्यस्थता संभव नहीं है। शशि थरूर ने इसकी वजह ये बताई कि आतंक से पीड़ितों और आतंकवादियों के बीच तुलना नहीं हो सकती। थरूर ने अमेरिका में काउंसिल ऑफ फॉरेन रिलेशंस से बातचीत में कहा कि मध्यस्थता ऐसा शब्द है, जिसे हम खास तौर पर मंजूर नहीं कर सकते। थरूर ने कहा कि जब ब्रोकर जैसे शब्दों का इस्तेमाल होता है, तो बिना अस्तित्व वाले समानता की बात हो रही होती है।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे शशि थरूर ने साफ कहा कि आतंकवादियों और आतंकवाद से पीड़ितों के बीच कोई समानता नहीं है। भारत और पाकिस्तान के बीच विभेद का उल्लेख कर उन्होंने कहा कि एक ऐसा देश जो आतंकवाद से पीड़ित है और दूसरा जो आतंकियों को सुरक्षित पनाह देता है। एक ऐसा देश जहां मजबूत बहुदलीय लोकतंत्र है उससे कोई समानता नहीं हो सकती। शशि थरूर ने साथ ही कहा कि ऐसा पड़ोसी जो भू-राजनीतिक स्थिति को बदलना चाहता है, उनके बीच कोई समानता नहीं हो सकती। दरअसल, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 10 मई से लगातार दावा कर रहे हैं कि उन्होंने मध्यस्थता कर भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष रुकवाया है। इसी बयान को उठाकर शशि थरूर की पार्टी पीएम नरेंद्र मोदी को घेर रही है और आरोप लगा रही है कि ट्रंप के दबाव में उन्होंने सरेंडर कर दिया।
भारत लगातार कह रहा है कि 9 और 10 मई 2025 को जब पाकिस्तान के सैन्य एयरबेस और अन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया गया, तो पाकिस्तान की सेना के डीजीएमओ ने फोन कर सीजफायर की गुहार लगाई। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी साफ कहा है कि भारत अभी देख रहा है कि आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान प्रभावी कार्रवाई करता है या नहीं। मोदी ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने ये कहकर भी पाकिस्तान को साफ संदेश दिया है कि उसकी ओर से न्यूक्लियर ब्लैकमेल को भारत किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं करने वाला। मोदी ने ये भी कहा कि रोटी खाओ और शांति से रहो, वरना मोदी की गोलियां तो हैं ही।
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