News India Live, Digital Desk: इस 70 किलोमीटर लंबे हाईवे की सबसे बड़ी ख़ासियत यह है कि इसे इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि यह ज़्यादातर सीधे खेतों के बीच से होकर गुजरेगा, गांवों और शहरी आबादी वाले इलाकों से बचता हुआ। इसका मतलब है कि आपको अब ट्रैफिक जाम, भीड़-भाड़ वाले बाज़ारों या ग्रामीण सड़कों पर धीमी गति से चलने की परेशानी नहीं होगी। यह सचमुच एक ‘नॉन-स्टॉप’ सफर का अनुभव देगा, जो आपके समय और ऊर्जा दोनों को बचाएगा।
यह हाईवे सिर्फ एक सड़क नहीं, बल्कि अनगिनत फायदों का पिटारा है:
सफर बनेगा तेज़ और आरामदायक: 70 किलोमीटर की यह दूरी, जो पहले 2 से 2.5 घंटे लेती थी, अब 1 घंटे से भी कम समय में तय हो जाएगी। सोचिए, आपका कितना समय बचेगा जो आप अपने परिवार या काम को दे पाएंगे।
विकास को मिलेगी रफ्तार: बेहतर कनेक्टिविटी से इस क्षेत्र में व्यापार और उद्योग बढ़ेंगे, जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे। यह आसपास के किसानों के लिए भी मंडियों तक पहुंचना आसान बनाएगा।
पर्यटन को बढ़ावा: ग्वालियर और शिवपुरी दोनों ही ऐतिहासिक और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण शहर हैं। इस हाईवे से पर्यटकों के लिए आवागमन आसान होगा, जिससे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
सुरक्षित सफर: आधुनिक फोरलेन हाईवे पर सफर करना पुरानी, संकरी सड़कों के मुकाबले कहीं ज़्यादा सुरक्षित होगा, दुर्घटनाओं की संभावना कम होगी।
इलाके की तस्वीर बदलेगी: इस हाईवे के बनने से आसपास के गांवों और कस्बों में भी आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी, जिससे पूरे क्षेत्र का विकास होगा।
कैसे बनेगा यह ड्रीम हाईवे?
लगभग ₹1200 करोड़ की लागत से बनने वाला यह प्रोजेक्ट केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी ‘भारतमाला परियोजना’ का हिस्सा है। इस हाईवे के लिए लगभग 64 गांवों से ज़मीन अधिग्रहण का काम चल रहा है, जिसे तेज़ी से पूरा किया जा रहा है ताकि जल्द से जल्द इस सपने को हकीकत में बदला जा सके।
यह नया फोरलेन हाईवे के लिए एक नए युग की शुरुआत है। यह सिर्फ आवागमन को आसान नहीं बनाएगा, बल्कि इस क्षेत्र में समृद्धि और विकास की नई लहर लाएगा। तैयार हो जाइए एक तेज़, सुरक्षित और आरामदायक सफर के लिए!