घरेलू खरीदारी में मजबूती के चलते भारतीय बाजारों में लौटे विदेशी निवेशक
Samachar Nama Hindi June 08, 2025 02:42 AM

मुंबई, 7 जून (आईएएनएस)। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के लेटेस्ट प्रोविजनल डेटा के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) शुक्रवार को भारतीय शेयरों के शुद्ध खरीदार बन गए और उन्होंने 1,009.7 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे।

यह सकारात्मक बदलाव निवेशकों का भरोसा बढ़ने के कारण देखा गया।

घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) भी लगातार 14वें सत्र के लिए सक्रिय खरीदार बने रहे और उन्होंने इक्विटी में 9,342.5 करोड़ रुपए का निवेश किया।

कारोबारी दिन का एक मुख्य आकर्षण बजाज होल्डिंग्स एंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड का एक बड़ा लेनदेन था, जिसने ब्लॉक डील के माध्यम से बजाज फिनसर्व लिमिटेड में 2,002.2 करोड़ रुपए के शेयर बेचे।

इसमें 1.04 करोड़ इक्विटी शेयर बेचना शामिल था, जो बजाज फिनसर्व की पेड-अप कैपिटल का 0.65 प्रतिशत है।

इससे पहले दिन में, कंपनी के प्रमोटरों ने भी प्री-मार्केट लेनदेन में बड़ी संख्या में शेयर बेचे थे।

भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने रेपो दर में 50 आधार अंकों की कटौती कर इसे 5.5 प्रतिशत कर दिया, जिसके बाद बाजार की गतिविधियों में तेजी देखी गई।

आरबीआई के इस फैसले से उधार लेना सस्ता होने और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

इस सकारात्मक भावना को दर्शाते हुए बेंचमार्क सूचकांक लगातार तीसरे दिन बढ़त के साथ बंद हुए।

सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन सेंसेक्स 746.95 अंक या 0.92 प्रतिशत की तेजी के साथ 82,188.99 और निफ्टी 252.15 अंक या 1.02 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25,003.05 पर बंद हुआ।

कारोबारी सत्र के दौरान दोनों सूचकांकों ने उच्च स्तर को छुआ, जिसमें निफ्टी 25,092.50 और सेंसेक्स 82,299.89 पर पहुंच गया।

इटरनल लिमिटेड और श्रीराम फाइनेंस लिमिटेड जैसी कंपनियों के मजबूत प्रदर्शन ने इस साप्ताहिक तेजी को आगे बढ़ाने में मदद की।

इस सप्ताह निफ्टी में 1 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई तथा सेंसेक्स में भी लगभग 1 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिससे दो सप्ताह से जारी गिरावट का सिलसिला टूट गया।

विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार नियामकों तथा केंद्रीय बैंक द्वारा हाल ही में उठाए गए कदमों ने निवेश के माहौल को अधिक आकर्षक बना दिया है।

बीडीओ इंडिया में पार्टनर मनोज पुरोहित ने इस बात पर प्रकाश डाला कि डिस्क्लोजर रूल्स की समय-सीमा बढ़ाने और कॉरपोरेट डेट में विदेशी निवेश पर प्रतिबंधों में ढील जैसे उपायों से वैश्विक निवेशकों में विश्वास पैदा हो रहा है।

पुरोहित ने कहा, "इन कदमों को इक्विटी तथा बॉन्ड बाजारों दोनों के लिए सकारात्मक माना जा रहा है। वैश्विक व्यापार की स्थिति में सुधार होने और भारत द्वारा सॉलिड इकोनॉमिक फंडामेंटल की पेशकश जारी रहने के कारण निवेशकों की धारणा में उत्साह बना हुआ है।"

--आईएएनएस

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