महाराष्ट्र की राजनीति में इस समय कई मुद्दों पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। इसी तरह शिवसेना शिंदे गुट के नेता रामदास कदम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए कई सनसनीखेज बयान दिए। इस दौरान उन्होंने शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और शिवसेना ठाकरे गुट के प्रमुख उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा। जब आदित्य ठाकरे रात के 12 बजे अपने घर से निकलते हैं तो उनका क्या काम होता है? यह सवाल रामदास कदम ने पूछा। मीठी नदी सिल्ट परियोजना में कथित अनियमितताओं और धन के कथित दुरुपयोग के मामले में ईडी छापेमारी कर रही है। ईडी की छापेमारी को लेकर रामदास कदम ने आदित्य ठाकरे से सीधा सवाल किया है। जब आदित्य ठाकरे रात के 12 बजे अपने घर से निकलते हैं तो उनका क्या काम होता है। इसमें उनके नाम की भी चर्चा हो रही है, साथ ही डिनो मोरिया और आदित्य पंचोली का भी नाम है। गुब्बारा फूट जाएगा,'' उन्होंने एक सांकेतिक बयान दिया।
रामदास कदम ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा, मुझे लगता है कि राहुल गांधी को फिक्सिंग की आदत है। पीलिया से पीड़ित व्यक्ति को दुनिया पीली दिखाई देती है। हवा में तलवार लहराने के बजाय सबूत दें।
मैं कैबिनेट में नहीं हूं
जब राज ठाकरे के एकनाथ शिंदे के साथ संभावित गठबंधन के बारे में पूछा गया, तो रामदास कदम ने सतर्क रुख अपनाया। "मैं आज कुछ नहीं कह सकता। जब तक शिंदे के साथ बैठक नहीं होती, मैं कुछ नहीं कह सकता। देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के राज ठाकरे के साथ अच्छे संबंध हैं। मैं उस गठबंधन के बारे में कैसे बात कर सकता हूं? मैं बात नहीं कर सकता।" उन्होंने इसे स्पष्ट किया।
मैं कैबिनेट में नहीं हूं। मैं इसके बारे में बात नहीं कर सकता। मैं नहीं कह पाऊंगा। हालांकि, उन्होंने उल्लेख किया कि यह सच है कि जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे, तब किसी भी शिवसेना विधायक को धन नहीं दिया गया था। लेकिन मुझे आज के बारे में पता नहीं है। मैं मंत्रिमंडल में नहीं हूं।'' उन्होंने यह भी कहा। मुंबई मराठी लोगों का बड़ा भाई है, इस अवधारणा पर बोलते हुए रामदास कदम ने अपनी स्थिति स्पष्ट की। ''मेरी स्थिति अलग है। मुंबई मराठी लोगों की होनी चाहिए। भगवा ध्वज मुंबई पर फहराया जाना चाहिए। देवेंद्र जी और एकनाथ शिंदे को एक साथ बैठकर चर्चा करनी चाहिए। भगवा फहराना चाहिए। कौन छोटा है और कौन बड़ा है, इसके बजाय यह रुख अपनाएं कि हम सब एक हैं। थोड़े समय में पार्षद और पदाधिकारी शिंदे के पास आ जाते हैं। इसे भुलाया नहीं जा सकता। फडणवीस को ये बातें ध्यान में रखनी चाहिए।'' उन्होंने यह भी रेखांकित किया। उद्धव ठाकरे कहते हैं कि महाराष्ट्र के लोगों के मन में जो होगा, वही होगा। फिर आपने शिवसेना-भाजपा गठबंधन तोड़ दिया और कांग्रेस में शामिल हो गए और मुख्यमंत्री बन गए। क्या उद्धव जी महाराष्ट्र के लोगों के मन में थे?'' रामदास कदम ने पूछा। शिवसेना प्रमुख के विचारों के विपरीत जाकर आप कांग्रेस और एनसीपी में शामिल हो गए। क्या आपको उस समय महाराष्ट्र के लोग और शिवसेना प्रमुख याद नहीं थे? रामदासकदम ने यह सवाल पूछा।
किस म्यान में रहेंगी दो तलवारें?
उन्होंने राज ठाकरे को साथ लेने की मौजूदा चर्चा की भी आलोचना की। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा, "अब इतनी जल्दी है कि हम राज ठाकरे को कब साथ लेंगे... लेकिन जब राज ठाकरे ने हाथ बढ़ाया था तब आपने ताली बजाई थी? उस समय उद्धव जी, आपके शब्द क्या थे, एक म्यान में दो तलवारें नहीं होती हैं। अब उद्धव जी, आपको महाराष्ट्र की जनता को यह जवाब देना होगा कि ये दो तलवारें किस म्यान में रहेंगी।"