जब एकनाथ शिंदे ने 2021 में शिवसेना में सबसे बड़ी दरार पैदा की, तो उनके साथ गए ठाकरे के सबसे वरिष्ठ सांसद गजानन कीर्तिकर भी साथ छोड़ गए. लेकिन अब इतने सालों बाद उन्होंने यह तोप दागी है कि एकनाथ शिंदे ने उनके अनुभव का इस्तेमाल नहीं किया. हम शिवसैनिक हैं जिन्होंने बालासाहेब के साथ काम किया. मैं ढाई साल से एकनाथ शिंदे के साथ हूं, गजानन कीर्तिकर ने खेद व्यक्त किया है कि मुझे काम करने का अवसर नहीं मिला.
शिवसेना के वरिष्ठ नेता गजानन कीर्तिकर ने उद्धव ठाकरे को छोड़कर एकनाथ शिंदे का नेतृत्व स्वीकार कर लिया. लेकिन अब मुझे एकनाथ शिंदे के पास आए ढाई साल हो गए हैं. मैंने इतना मजबूत संगठनात्मक काम किया. मैंने लोक अधिकार समिति आंदोलन में काम किया. विधायक के तौर पर 20 साल, सांसद के तौर पर 10 साल और मंत्री के तौर पर पांच साल का अनुभव होने के बावजूद एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने मेरा कोई इस्तेमाल नहीं किया. गजानन कीर्तिकर ने कहा है कि मुझे इसका अफसोस है. ...शिवसैनिकों की यही इच्छा है
राज और उद्धव ठाकरे एक साथ आएं, यही इच्छा राज्य के सभी शिवसैनिकों की है। बालासाहेब की भी यही इच्छा थी। दोनों भाइयों के पास अपना कैडर है, बस अब उनका जनसमर्थन उतना नहीं रहा। बालासाहेब के समय जो जनसमर्थन था, वह अब नहीं रहा। लेकिन कैडर है और ये हमारे दो युवा नेता हैं जो बालासाहेब के समय से शिवसेना का नेतृत्व कर रहे हैं। यह केवल मेरी ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र के सभी शिवसैनिकों की इच्छा है कि वे एक साथ आएं, ऐसा गजानन कीर्तिकर ने कहा।