हिंदू धर्म में भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, बुद्धि और समृद्धि का देवता माना जाता है। हर व्यक्ति अपने जीवन में सफलता, सुख-शांति और समृद्धि के लिए गणेश जी की पूजा करता है। खासकर गणेश पूजा के लिए बुधवार का दिन बेहद शुभ माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर क्यों गणेश जी की पूजा मुख्य रूप से बुधवार के दिन की जाती है? इसके पीछे एक गहरी पौराणिक कथा जुड़ी हुई है, जो इस दिन की महत्ता को स्पष्ट करती है। आइए, इस लेख में हम उस पौराणिक कथा और धार्मिक महत्व के बारे में विस्तार से जानेंगे।
गणेश जी की पूजा का महत्वभगवान गणेश को सभी देवताओं में प्रथम पूज्य माना जाता है। उन्हें सभी बाधाओं को दूर करने वाला देवता कहा जाता है। शादी-ब्याह, नए कार्य की शुरुआत, घर की पूजा-पाठ, व्यापार और अध्ययन से जुड़े कामों में सबसे पहले गणेश जी की आराधना की जाती है। मान्यता है कि उनकी कृपा से सभी विघ्न और परेशानियां दूर हो जाती हैं।
बुधवार का दिन क्यों खास?हिंदू पंचांग में प्रत्येक दिन का अपना एक खास देवता होता है। बुधवार को ग्रह बृहस्पति का दिन माना जाता है, जो ज्ञान, धर्म और विद्या के देवता हैं। बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा करने से व्यक्ति को बृहस्पति की कृपा भी मिलती है, जिससे बुद्धि और विद्या में वृद्धि होती है। इसी कारण से गणेश पूजा के लिए बुधवार का दिन शुभ माना जाता है।
पौराणिक कथा जो बताती है बुधवार के दिन गणेश पूजा की परंपरापौराणिक कथाओं के अनुसार, एक समय की बात है, जब देवताओं और असुरों के बीच लगातार युद्ध चलता रहता था। उस समय भगवान गणेश ने सभी देवताओं की मदद की और असुरों को परास्त किया। देवताओं ने उनकी प्रशंसा करते हुए कहा कि उनका नाम गणेश इसलिए रखा गया है क्योंकि वे गणों (देवताओं के समूह) के ईश (स्वामी) हैं।
एक कथा के अनुसार, एक बार भगवान गणेश ने अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करने के लिए बुधवार का दिन चुना। कहा जाता है कि बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा से भक्तों की बुद्धि तेज होती है, उनकी मेहनत सफल होती है और वे जीवन में हर बाधा को पार कर सकते हैं। इस दिन गणेश जी के पूजन से धन-सम्पत्ति की वृद्धि होती है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
अन्य धार्मिक कारणबृहस्पति और गणेश जी का संबंध: बृहस्पति ग्रह को ज्ञान और बुद्धि का कारक माना जाता है। गणेश जी को भी विद्या के देवता के रूप में पूजनीय माना जाता है। बुधवार के दिन गणेश पूजा करने से बृहस्पति और गणेश दोनों की कृपा मिलती है।
विघ्नहर्ता गणेश: गणेश जी को ‘विघ्नहर्ता’ कहा जाता है, यानी जो सभी विघ्न और बाधाओं को हर लेते हैं। बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा से जीवन के सारे विघ्न दूर हो जाते हैं।
सप्ताह के मध्य में शांति और ऊर्जा का संचार: बुधवार सप्ताह का मध्य दिन होता है। इसे ऊर्जा और नई शुरुआत का दिन माना जाता है। इस दिन गणेश जी की पूजा करने से मानसिक शांति मिलती है और नई ऊर्जा का संचार होता है।
गणेश जी की पूजा में विशेष रूप से बुधवार के दिन प्रातःकाल का समय शुभ माना जाता है।
इस दिन दूर्वा, मोदक, लाल फूल, हल्दी और कुमकुम का प्रयोग पूजा में किया जाता है।
गणेश मंत्र “ॐ गं गणपतये नमः” का जाप विशेष फलदायक माना गया है।
पूजा के बाद मोदक का भोग लगाना और गणेश जी को प्रसन्न करना शुभ होता है।
गणेश पूजा की शुरुआत पूजा स्थल की स्वच्छता से होती है। फिर गणेश जी की मूर्ति या चित्र की स्थापना की जाती है। धूप, दीप, नैवेद्य, फूल, दूर्वा अर्पित करते हुए मंत्रों का उच्चारण किया जाता है। पूजा में विशेष रूप से बुधवार के दिन भक्त अपने मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।
बुधवार को गणेश पूजा का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्वभारत में कई जगहों पर बुधवार को गणेश पूजा बड़े हर्षोल्लास के साथ की जाती है। विशेष रूप से महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक में यह परंपरा बहुत प्रचलित है। बच्चे और छात्र बुधवार को गणेश जी की पूजा कर विद्या में वृद्धि की कामना करते हैं। व्यापारी लोग बुधवार को गणेश पूजन कर आर्थिक समृद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं।
निष्कर्षगणेश जी की पूजा बुधवार के दिन करना पौराणिक, धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान गणेश की आराधना से मनुष्य के जीवन के सभी बाधाएं दूर होती हैं और जीवन में सुख-शांति आती है। यह दिन ज्ञान, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का दिन होता है, जो हमारे जीवन को नई दिशा देता है। इसलिए, यदि आप भी अपनी जीवन यात्रा में सफलता और समृद्धि चाहते हैं तो बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा जरूर करें।