हरियाणा सरकार अब किसानों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। विशेष रूप से प्राकृतिक और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि गुरुग्राम में प्राकृतिक और जैविक खेती से उत्पादित गेहूं, धान, और दालों की बिक्री के लिए एक विशेष मंडी बनाई जाएगी। इसी प्रकार, हिसार में भी फल और सब्जियों के लिए एक अलग जैविक मंडी स्थापित की जाएगी, जहां किसान सीधे अपने उत्पाद बेच सकेंगे।
सरकार ने किसानों के जैविक उत्पादों को बाजार में पहचान दिलाने के लिए एक नई योजना की घोषणा की है। प्राकृतिक खेती करने वाले प्रत्येक किसान को ब्रांडिंग और पैकेजिंग के लिए 20,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जिससे वे अपने उत्पादों को बेहतर तरीके से बाजार में प्रस्तुत कर सकें।
किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए एक विशेष समिति का गठन किया जाएगा, जो हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण के अंतर्गत कार्य करेगी। इसके साथ ही, किसानों की जैविक फसलों की गुणवत्ता की जांच के लिए राज्य में नि:शुल्क प्रयोगशालाएं भी स्थापित की जाएंगी।
कैथल जिले के खंड पूंडरी में कृषि विभाग की 53 एकड़ भूमि को प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को नीलामी के माध्यम से पट्टे पर देने का निर्णय लिया गया है। इससे उन किसानों को लाभ होगा जिन्हें अपनी जैविक खेती के लिए भूमि की आवश्यकता है।