रणथंभौर दुर्ग में आज सुबह (सोमवार) एक बाघ ने चौकीदार को मार डाला। उसकी पहचान शेरपुर निवासी राधेश्याम सैनी (60) के रूप में हुई है। राधेश्याम पिछले 20 साल से रणथंभौर दुर्ग स्थित जैन मंदिर में चौकीदार के पद पर कार्यरत थे। सुबह करीब साढ़े चार बजे वह शौच के लिए गए थे, तभी बाघ ने उन पर हमला कर दिया। राधेश्याम की गर्दन पर बाघ के कैनाइन (दांत) के निशान मिले हैं। बाघ ने कमर से नीचे जांघ का हिस्सा खा लिया था। दो माह में बाघ के हमले की यह तीसरी घटना है। घटना के बाद ग्रामीणों ने सवाई माधोपुर-कुंडेरा मार्ग पर जाम लगा दिया। स्थानीय लोगों का कहना है कि वन विभाग की लापरवाही के कारण यह तीसरी मौत है। उधर, ग्रामीण गणेश धाम चौराहे पर टेंट लगाकर धरने पर बैठ गए। इस दौरान ग्रामीणों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई।
मंदिर में ठहरे थे 3 चौकीदार
रणथंभौर टाइगर रिजर्व के सीसीएफ अनूप केआर ने बताया- कल रणथंभौर दुर्ग में बाघ की हलचल थी। इसके चलते त्रिनेत्र गणेश मंदिर में श्रद्धालुओं का प्रवेश रोक दिया गया था। मंदिरों के कुछ चौकीदार दुर्ग में ही ठहरे हुए थे। इनमें 3 चौकीदार रणथंभौर दुर्ग स्थित जैन मंदिर में ठहरे हुए थे। सोमवार सुबह करीब 4.30 बजे चौकीदार राधेश्याम सैनी मंदिर से 30-40 मीटर की दूरी पर शौच के लिए गया था। इसी दौरान अन्य 2 चौकीदारों ने राधेश्याम के चीखने की आवाज सुनी। वे मंदिर के बाहर पहुंचे तो खून के निशान दिखे। घना जंगल होने के कारण शव दिखाई नहीं दिया। तत्काल वन विभाग को इसकी सूचना दी। वन विभाग की टीम ने चौकीदार को ढूंढने का प्रयास किया। तीन-चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद राधेश्याम का शव बरामद हुआ।
ग्रामीण धरने पर बैठे
घटना के विरोध में ग्रामीणों ने गणेश धाम तिराहे पर टेंट लगाकर धरना शुरू कर दिया था। एहतियात के तौर पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। एएसपी रामकुमार कस्वां, एएसपी राजेंद्र सिंह रावत, सीओ ग्रामीण पिंटू कुमार, कुंडेरा थानाधिकारी भरत सिंह, मलारना डूंगर थानाधिकारी जितेंद्र सिंह सोलंकी सहित कई अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। धरने पर बैठे लोगों की मांग है कि डीएफओ रामानंद भाकर और सीसीएफ अनूप के आर को निलंबित किया जाए। इन मांगों पर बनी सहमति धरने पर बैठे लोगों की मांग थी कि मृतक के आश्रितों में से एक व्यक्ति को वन विभाग में स्वयंसेवक और एक को रणथंभौर में नेचर गाइड के पद पर नियुक्त किया जाए। एसीएफ महेश शर्मा ने इस मांग पर सहमति जताई। साथ ही पांच लाख रुपए मुआवजा देने पर भी सहमति बनी है। वहीं वन विभाग गणेश धाम पर छाया और पानी की व्यवस्था भी करेगा। रणथंभौर किले की टूटी दीवारों की 66 लाख की लागत से मरम्मत कराई जाएगी। किले तक जाने वाले रास्ते को जाल से ढका जाएगा।
10 किलोमीटर की परिधि के गांव मिलकर करेंगे विरोध
जिला प्रमुख के पति व कांग्रेस नेता डिग्री प्रसाद मीना ने कहा कि रणथंभौर टाइगर रिजर्व के आसपास के क्षेत्रों में वन विभाग तानाशाही कर रहा है। रणथंभौर किला शेरपुर पंचायत में है। ये लोग राणा हम्मीर के समय से रणथंभौर किले में रह रहे हैं। ये बाघों की फेरी नहीं है। बाघ ने मंदिर में आकर राधेश्याम सैनी को मार डाला। राधेश्याम को वनकर्मियों की तरह पैकेज दिया जाए। मांगें नहीं मानी गई तो 10 किलोमीटर की परिधि के सभी गांव वन विभाग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे।
2 माह में बाघ का यह तीसरा हमला है
पहला: 21 अप्रैल को कनकटी ने 7 साल के बच्चे को मारा
21 अप्रैल को बाघिन कनकटी ने त्रिनेत्र गणेश मंदिर के रास्ते में 7 साल के बच्चे को मार डाला। बच्चा अपनी दादी के साथ त्रिनेत्र गणेश के दर्शन कर लौट रहा था। अचानक जंगल से बाघ आया और बच्चे को मुंह में दबाकर ले गया। बाघ काफी देर तक बच्चे की गर्दन पर पंजा रखे बैठा रहा। यह हमला अमराई वन क्षेत्र में हुआ। (पूरी खबर पढ़ें)
दूसरा: 12 मई को जोगी महल के पास रेंजर की हत्या
12 मई को टाइगर रिजर्व के जोन क्रमांक-3 में जोगी महल के पास बाघ ने ट्रैकिंग रेंजर की हत्या कर दी थी। बाघ ने रेंजर की गर्दन पर अपने दांतों और नाखूनों से हमला किया और 20 मिनट तक उसके शव पर बैठा रहा।
तीनों हमले 2 किलोमीटर की परिधि में हुए
पिछले 2 महीने में हुए तीनों बाघ हमले आसपास के ही हैं। 21 अप्रैल को जिस जगह बाघिन कनकती ने बच्चे पर हमला किया, वह रणथंभौर किले के पास है। इसके बाद 12 मई को जोगी महल के पास जिस जगह रेंजर पर हमला हुआ, वह भी रणथंभौर किले के ठीक नीचे है। सोमवार (9 जून) को रणथंभौर किले के अंदर चौकीदार पर हमला हुआ। ये तीनों हमले 2 किलोमीटर की परिधि में हुए।