गर्मी के मौसम में सावधानी बरतना आवश्यक है, क्योंकि यह हीट स्ट्रोक जैसी समस्याओं से बचा सकता है। लंबे समय तक धूप में रहने से शरीर में पानी और आवश्यक सॉल्ट्स की कमी हो जाती है, जिससे डिहाइड्रेशन की स्थिति उत्पन्न होती है। इस स्थिति में व्यक्ति को हल्का बुखार, चेहरा लाल होना, हाथ-पैरों में दर्द और पसीना आना बंद हो सकता है। यदि यह समस्या बनी रहती है, तो शरीर का तापमान 104 डिग्री से अधिक (हाइपरथर्मिया) हो सकता है, जो दिमाग, किडनी, हृदय और अन्य अंगों की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर सकता है। गर्मी में खानपान का ध्यान रखने से कई मौसमी बीमारियों से बचा जा सकता है। आइए जानते हैं बचाव के लिए आवश्यक सावधानियों और खानपान के बारे में:
डाइट प्लान –
चाय-कॉफी से बनाएं दूरी –
सुबह जल्दी उठकर खाली पेट दो गिलास गुनगुना पानी पीएं। इससे पेट साफ रहेगा और दिनभर कोई परेशानी नहीं होगी। इसके बाद कम से कम 40-45 मिनट टहलें ताकि आप पूरे दिन सक्रिय रह सकें।
नाश्ता 9-10 बजे : ठंडा दूध, ठंडाई, फलों का जूस, सत्तू या जीरे व पुदीना वाली छाछ पी सकते हैं। साथ में वेजिटेबल दलिया या सूखे मेवे या एक मौसमी फल खा सकते हैं।
लंच 12 से 2 बजे के बीच : ऐसी सब्जियां चुनें जिनमें पानी की मात्रा अधिक हो, जैसे लौकी, टिंडा, कद्दू, तुरई आदि। सलाद में टमाटर, खीरा, ककड़ी, प्याज आदि शामिल करें। जीरा व पुदीना की छाछ, आमपना, दही या रायता भी लें। दाल भी ऊर्जा का बेहतरीन स्रोत है।
शाम 4 से 5 बजे के बीच : अक्सर शाम की चाय या कॉफी के साथ लोग चिप्स, बिस्किट, स्नैक्स, टोस्ट आदि खाते हैं, लेकिन गर्मी में नारियल पानी, ठंडाई, खसखस का शरबत या फ्रूट जूस लेना बेहतर है। इससे शरीर में ताजगी बनी रहेगी। इनके साथ स्प्राउट्स में खीरा, ककड़ी व अनार मिलाकर खाएं। ऑफिस जाने वाले लोग भुने चने और फलों का सलाद ले सकते हैं।
डिनर 8 से 9 बजे के बीच : इस समय भारी भोजन से बचें, क्योंकि इससे पेट में समस्या हो सकती है। खिचड़ी, उपमा, दलिया जैसी हल्की चीजें खाएं।