रांची, 10 जून (Udaipur Kiran) । झारखंंड को नशामुक्त बनाने के उदेश्य से मंगलवार को सिविल सर्जन डॉ प्रभात कुमार के निर्देश पर चार दिवसीय प्रशिक्षण सह जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
साथ ही इस अवसर पर सिविल सर्जन कार्यालय सभागार से जागरूकता रैली निकाली गई। सिविल सर्जन डॉ प्रभात कुमार के निर्देश पर नशामुक्त रांची बनाने के लिए यह जागरूकता रैली निकाली गई। कार्यक्रम का नेतृत्व डीटीओ डॉ एस बास्की ने किया।
मौके पर सिविल सर्जन डॉ प्रभात ने कहा कि रांची जिला के साथ पूरे राज्य को नशा मुक्त बनाने के साथ-साथ निषिद्ध मादक पदार्थों के उपयोग को रोकने के लिए उठाया गया एक सकारात्मक कदम है। इसका मुख्य संदेश समाज को नशा मुक्त करने के साथ-साथ एक स्वस्थ जीवन जीने को प्रोत्साहित करना है।
उन्होंने कहा कि इसके तहत राज्य के हरेक व्यक्ति को नशे की लत से मुक्त कर के इसके दुष्प्रभाव से बचाना और उसे एक स्वस्थ जीवन की ओर वापस लाने का लक्ष्य है।
मौके पर डॉ एस बास्की ने कहा कि मादक द्रव्यों का सेवन एक गंभीर मुद्दा है जो व्यक्ति, परिवारों और पूरे समाज को प्रभावित करता है। नशीली दवाओं के सेवन के परिणाम गंभीर हैं। इसमें स्वास्थ्य समस्याओं से लेकर कानूनी मुद्दे और सामाजिक अलगाव तक शामिल हैं।
जिला परामर्शी टोबैको कंट्रोल सेल रांची के सुशांत कुमार ने बताया की नशे की लत से मुक्ति पाने में शिक्षा और जागरूकता की अहम भूमिका होगी।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक प्रवीण सिंह ने नशा से व्यक्तियों के जीवन के पनपे हरेक पहलूओं को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि नशामुक्ति एक महत्वपूर्ण साधन है जो व्यक्तियों को नशे से मुक्त करता है। और उन्हें समृद्ध, स्वस्थ और सामाजिक बनने में सक्षम बनाता है। ताकि लोगों को एक खुशहाल जीवन मिल सकता है।
जागरूकता रैली में जिला कार्यक्रम प्रबंधक प्रवीण सिंह, जिला कंसल्टेंट टोबैको कंट्रोल सेल के सुशांत कुमार, नीरज कौसिक, टाटा कैंसर केयर हॉस्पिटल सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे।
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(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar