बैंकों में लावारिस पड़े पैसों पर सरकार का ऐक्शन, वापिस पैसा लौटाने की तैयारी में सरकार Unclaimed Amount in Bank – अभी पढ़ें ये खबर
Rahul Mishra (CEO) June 13, 2025 04:25 PM

बैंक में लावारिस राशि: देश के बैंकों और वित्तीय संस्थानों में वर्षों से पड़ी लावारिस रकम अब सरकार की निगरानी में आ गई है. इस रकम पर अब तक किसी ने दावा नहीं किया था. लेकिन अब केंद्र सरकार ने इस रकम को असली हकदारों तक पहुंचाने की ठोस योजना तैयार कर ली है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सभी वित्तीय नियामकों और विभागों को निर्देश दिए हैं कि वे इन निष्क्रिय खातों, शेयरों, बीमा, लाभांश और पेंशन जैसी जमाओं के असली दावेदारों की पहचान कर, राशि वापस लौटाने के लिए विशेष अभियान चलाएं.

हर जिले में लगेगा स्पेशल कैंप

वित्त मंत्री ने निर्देश दिए हैं कि देश के हर जिले में स्पेशल कैंप लगाकर यह अभियान चलाया जाए. इसमें भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI), बीमा नियामक (IRDAI), पेंशन निधि नियामक (PFRDA), कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय और बैंकिंग संस्थान शामिल होंगे.

इन कैंपों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाएगा, उन्हें केवाईसी अपडेट करने का मौका मिलेगा, और पुराने निष्क्रिय खातों या बीमा पॉलिसियों पर दावा करने की प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा.

सिर्फ बैंक नहीं, बीमा-पेंशन में भी है बड़ी राशि

यह केवल बैंकों में जमा रकम तक सीमित नहीं है. सरकार ने साफ किया है कि इसमें शेयर मार्केट में अटकी डिविडेंड राशि, बीमा कंपनियों में क्लेम न की गई पॉलिसियां और पेंशन कोष की रकम भी शामिल है. इन सभी क्षेत्रों की रकम लाखों भारतीयों की अनदेखी के कारण वर्षों से पड़ी हुई है.

कितनी है लावारिस जमा राशि?

RBI की ताजा वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2024 तक बैंकों में पड़ी दावा न की गई राशि 26% बढ़कर ₹78,213 करोड़ हो चुकी है. यह राशि आम तौर पर निष्क्रिय बैंक खातों, मृत खाताधारकों या अधूरी केवाईसी प्रक्रियाओं के कारण लंबित रहती है.

सरकार का मानना है कि यह रकम न केवल आर्थिक नुकसान का कारण है. बल्कि इसका असली लाभ भी उन लोगों तक नहीं पहुंच रहा जिनका इस पर हक बनता है.

एनआरआई और PIO के लिए केवाईसी में बदलाव

सरकार ने इस अभियान को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक विस्तारित करने का निर्णय लिया है. एनआरआई (NRI) और पीआईओ (PIO) के लिए डिजिटल केवाईसी प्रक्रिया को आसान और एक समान बनाने पर भी बैठक में चर्चा हुई. डिजिटलीकरण के जरिए विदेशों में बसे भारतीयों को भी अपने निष्क्रिय खातों, बीमा या निवेश पर दावा करना आसान होगा.

केवाईसी को बनाना होगा सरल और प्रभावी

वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि केवाईसी प्रणाली को और सरल, तेज़ और पारदर्शी बनाना समय की मांग है. सभी वित्तीय नियामकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे मौजूदा केवाईसी प्रक्रिया का मूल्यांकन करें और इसमें एकरूपता लाएं.

FSDC बैठक में हुआ बड़ा निर्णय

यह निर्णय वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (FSDC) की महत्वपूर्ण बैठक में लिया गया. जिसकी अध्यक्षता स्वयं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की.

इस बैठक में शामिल हुए –

  • आरबीआई गवर्नर शक्तिशांत दास
  • सेबी प्रमुख तुहिन कांत पांडे
  • वित्त सचिव अजय सेठ
  • अन्य वरिष्ठ अधिकारी

बैठक में वित्तीय प्रणाली की पारदर्शिता, सुरक्षा और नागरिकों के हक की रक्षा को लेकर अनेक पहलुओं पर चर्चा की गई.

© Copyright @2025 LIDEA. All Rights Reserved.