Income Tax Saving Tips: पत्नी की मदद से ऐसे करें कानूनी तरीके से टैक्स में बचत
samacharjagat-hindi June 14, 2025 03:42 AM

हर व्यक्ति चाहता है कि उसकी मेहनत की कमाई में से ज्यादा से ज्यादा हिस्सा उसके पास रहे और उसे कम से कम टैक्स देना पड़े। इसके लिए कई लोग निवेश (Investment), बीमा (Insurance) और टैक्स सेविंग योजनाओं (Tax Saving Schemes) का सहारा लेते हैं। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि आप अपनी पत्नी की मदद से भी इनकम टैक्स की बचत कर सकते हैं—वो भी पूरी तरह कानूनी तरीके से

कैसे बचा सकते हैं टैक्स पत्नी की मदद से?

1. जानिए क्या है 'क्लबिंग ऑफ इनकम' रूल:

इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 60 से 64 के तहत अगर आप अपनी पत्नी को गिफ्ट में पैसा देते हैं और वो उससे कोई इनकम (जैसे ब्याज, किराया, डिविडेंड) कमाती हैं, तो वह इनकम आपकी मानी जाएगी और उसी अनुसार टैक्स लगेगा। इसे क्लबिंग ऑफ इनकम कहते हैं।

लेकिन एक बारीक फर्क यह है कि यदि आप पत्नी को घरेलू खर्चों के लिए पैसे देते हैं और वह उससे बचत करती हैं, तो उस बचत पर होने वाली इनकम क्लबिंग नियमों के दायरे में नहीं आती। यह एक महत्वपूर्ण टैक्स बचत का रास्ता हो सकता है।

2. हेल्थ इंश्योरेंस से टैक्स में राहत:

सेक्शन 80D के तहत अगर आप अपनी पत्नी के नाम पर हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम भरते हैं, तो आपको 25,000 रुपये तक की टैक्स छूट मिल सकती है। यदि पत्नी सीनियर सिटिजन हैं, तो यह सीमा 50,000 रुपये तक जा सकती है।

3. पत्नी को गिफ्ट देने के बजाय दें लोन:

यदि आप पत्नी को किसी काम के लिए पैसे देना चाहते हैं, तो उसे गिफ्ट देने के बजाय लोन दें। यह लोन कम ब्याज दर पर दिया जा सकता है, जिससे वह पैसे इन्वेस्ट कर सकें। ध्यान रखें कि लोन की हर बात डॉक्यूमेंटेड होनी चाहिए, जैसे लोन एग्रीमेंट और बैंक ट्रांजैक्शन।

इससे पत्नी की कमाई आपकी इनकम में नहीं जुड़ती, और आपकी टैक्स लायबिलिटी कम होती है।

4. जॉइंट अकाउंट खोलें और टैक्स बचाएं:

अगर आप पत्नी के साथ कोई निवेश करना चाहते हैं, तो जॉइंट बैंक अकाउंट खोल सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि उसमें प्राइमरी होल्डर वही व्यक्ति हो जिसकी टैक्स लायबिलिटी कम हो। क्योंकि ब्याज की कमाई पर टैक्स उसी व्यक्ति के नाम से लगता है जो अकाउंट का प्राइमरी होल्डर होता है।

5. निवेश के लिए पत्नी के नाम से करें खरीदारी:

अगर पत्नी के पास पहले से कोई इनकम नहीं है, तो आप उनके नाम से फिक्स्ड डिपॉजिट (FD), म्यूचुअल फंड या पीपीएफ जैसे निवेश कर सकते हैं। यदि इन निवेशों की पूंजी पत्नी की सेविंग्स से हो, तो उनकी कमाई पर अलग से टैक्स नहीं लगता।

टैक्स की बचत करना सिर्फ CA का काम नहीं है, थोड़ी समझदारी और प्लानिंग से आप भी अपनी सालाना टैक्स लायबिलिटी में अच्छी-खासी कटौती कर सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि आप क्लबिंग रूल्स को सही तरीके से समझें, सही डॉक्यूमेंटेशन रखें और कानूनी दायरे में रहकर इनकम प्लान करें।

पत्नी की मदद से टैक्स बचाना न केवल संभव है, बल्कि समझदारी भरा और प्रभावी तरीका भी है।

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