धुबरी में 'शूट एट साइट' आदेश पर बवाल: मौलाना रजवी बोले— “मुसलमानों को डराने की साजिश”
Navyug Sandesh Hindi June 14, 2025 03:42 AM

असम के धुबरी जिले में मंदिरों पर संभावित हमलों को लेकर राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि अगर कोई व्यक्ति मंदिरों पर हमला करता है या साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करता है, तो उसे देखते ही गोली मार दी जाए।

सरकार के इस आदेश के बाद देशभर में राजनीतिक और धार्मिक संगठनों में बहस छिड़ गई है। कई संगठनों ने इसे असंवैधानिक और खतरनाक करार दिया है।

🕌 मौलाना रजवी का तीखा बयान: “मुस्लिमों को टारगेट करने की रणनीति”
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने मुख्यमंत्री सरमा के आदेश की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा,

“यह फैसला असम में अल्पसंख्यकों को डराने और उन्हें निशाना बनाने की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। मुख्यमंत्री सरमा की सोच शुरू से मुस्लिम विरोधी रही है।”

रजवी ने दावा किया कि असम सरकार ने एनआरसी के जरिए लाखों लोगों को राज्य से बाहर करने की कोशिश की, और अब मंदिरों पर हमले का बहाना बनाकर मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है।

⚖️ “संविधान की अवहेलना है ‘शूट एट साइट'”
रजवी ने कहा कि

“गोली मारने का आदेश सीधा संविधान और कानून की प्रक्रिया का उल्लंघन है। इससे न्यायपालिका की भूमिका खत्म हो जाती है और लोकतांत्रिक मूल्य खतरे में पड़ते हैं।”

उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह राज्य सरकार के इस आदेश पर तुरंत हस्तक्षेप करे और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करे।

🌐 धुबरी में तनाव, देश में बहस
धुबरी जिला एक मुस्लिम बहुल इलाका है। ऐसे में मुख्यमंत्री के सख्त आदेश ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में चिंता बढ़ा दी है।

रजवी का कहना है कि यह कदम न केवल धार्मिक भेदभाव को बढ़ावा देता है, बल्कि देश के सांप्रदायिक सौहार्द पर भी चोट करता है।

🙏 “धार्मिक स्थलों का सम्मान हर मजहब की सीख”
मौलाना रजवी ने कहा कि

“भारत में हर धर्म का अनुयायी दूसरे धर्मों के स्थलों का सम्मान करता है। मंदिरों पर हमले की आशंका गढ़ी गई कहानी है, जिससे मुसलमानों को बदनाम किया जा रहा है।”

🗣️ “केंद्रीय हस्तक्षेप जरूरी, नहीं तो हालात बिगड़ सकते हैं”
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि केंद्र ने हस्तक्षेप नहीं किया, तो यह आदेश देश के अन्य हिस्सों में भी गलत मिसाल बन सकता है।

“धार्मिक सौहार्द बनाए रखने के लिए ज़रूरी है कि सरकार संतुलित और संवेदनशील नीति अपनाए,” मौलाना रजवी ने कहा।

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