हाई बीपी शरीर के किस अंग को करता है सबसे ज्यादा प्रभावित? 99% लोगों को नहीं पता होगा जवाब
High Blood Pressure Reason: हाई बीपी से हमारे शरीर के कुछ खास अंग सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं. इनको पहचानकर सही इलाज करवा सकते हैं.
High BP Body Effects: उच्च रक्तचाप, जिसे हाइपरटेंशन भी कहते हैं, एक ऐसी खामोश बीमारी है जो धीरे-धीरे शरीर को अंदर से खोखला कर देती है. अक्सर लोग इसके लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं या उन्हें पहचान नहीं पाते. हालांकि, यह जानना बेहद ज़रूरी है कि हाई बीपी सिर्फ एक संख्या नहीं है, बल्कि यह शरीर के कई महत्वपूर्ण अंगों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है. लेकिन, जब बात आती है कि हाई बीपी शरीर के किस अंग को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है, तो शायद 99% लोग सही जवाब नहीं जानते होंगे.
हाई बीपी और आपका हृदय
इसमें कोई संदेह नहीं कि उच्च रक्तचाप का सबसे सीधा और गंभीर प्रभाव हमारे हृदय पर पड़ता है. हृदय को पूरे शरीर में रक्त पंप करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है. जब रक्तचाप लगातार बढ़ा रहता है, तो हृदय की मांसपेशियों को सामान्य से अधिक दबाव झेलना पड़ता है. समय के साथ, इससे हृदय की मांसपेशियां मोटी और कड़ी हो सकती हैं, जिसे वेंट्रिकुलर हाइपरट्रॉफी कहते हैं.
गंभीर समस्याओं का खतरा
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हृदय गति रुकना (Heart Failure): हृदय अपनी कार्यक्षमता खो देता है और शरीर की ज़रूरतों के अनुसार पर्याप्त रक्त पंप नहीं कर पाता.
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कोरोनरी धमनी रोग (Coronary Artery Disease – CAD): धमनियों में प्लाक जमने लगता है, जिससे वे संकरी हो जाती हैं और हृदय तक रक्त प्रवाह कम हो जाता है. इससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है.
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एनजाइना (Angina): सीने में दर्द, जो हृदय में अपर्याप्त रक्त प्रवाह के कारण होता है.
हृदय के अलावा अन्य प्रभावित अंग
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किडनी (गुर्दे): उच्च रक्तचाप गुर्दों की रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे उनकी फिल्टर करने की क्षमता कम हो जाती है. यह क्रोनिक किडनी रोग (CKD) का एक प्रमुख कारण है.
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मस्तिष्क: हाई बीपी मस्तिष्क तक रक्त पहुंचाने वाली धमनियों को कमजोर कर सकता है, जिससे स्ट्रोक (Stroke) या ट्रांजिएंट इस्केमिक अटैक (TIA) का खतरा बढ़ जाता है. यह डिमेंशिया (Dementia) के जोखिम को भी बढ़ा सकता है.
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आंखें: आंखों की नाजुक रक्त वाहिकाएं उच्च रक्तचाप से क्षतिग्रस्त हो सकती हैं, जिससे दृष्टि संबंधी समस्याएं और यहां तक कि अंधापन भी हो सकता है.
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रक्त वाहिकाएं: हाई बीपी रक्त वाहिकाओं को सख्त और संकीर्ण कर देता है, जिससे एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) और परिधीय धमनी रोग (Peripheral Artery Disease – PAD) जैसी स्थितियां उत्पन्न होती हैं.
संक्षेप में, हाई बीपी का सबसे बुरा असर हमारे हृदय पर पड़ता है, जिससे हृदय संबंधी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए, अपने रक्तचाप की नियमित जांच कराना और उसे नियंत्रण में रखना बेहद आवश्यक है ताकि आप अपने हृदय और अन्य महत्वपूर्ण अंगों को स्वस्थ रख सकें.
नोट: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है. इसे केवल सुझाव के तौर पर लें. इस तरह की किसी भी जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर या किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें. (Photo Credit- Pinterest)