चार साल पुराने हत्याकांड में मधेपुरा सत्र न्यायालय ने गुरुवार को तीन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। एडीजे-9 रधुवीर प्रसाद की अदालत ने ग्वालपाड़ा प्रखंड के पीरनगर निवासी मोहम्मद कामरान, मोहम्मद शहाबुद्दीन और मोहम्मद जमालुद्दीन को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास के साथ 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
घर से बुलाकर की थी हत्या
इस मामले में एपीपी जयनारायण पंडित ने बताया कि पीरनगर वार्ड 5 निवासी मोहम्मद आलम की पत्नी शबाना खातू ने 2021 में ग्वालपाड़ा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। प्राथमिकी के अनुसार 2 अप्रैल 2021 की शाम 7 बजे उसका 17 वर्षीय बेटा मोहम्मद नेहाल फोन करके घर से निकला, लेकिन रात तक वापस नहीं लौटा। परिजनों ने खोजबीन शुरू की, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिल सका। अगली सुबह 3 अप्रैल को शबाना खातून अपनी दो बेटियों के साथ नेहाल की तलाश में निकल पड़ी।
कॉल डिटेल के आधार पर पकड़े गए आरोपी
तलाशी के दौरान उसकी छोटी बेटी को अखाड़े के पास नेहाल का गला कटा शव मिला। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और मामला दर्ज कर लिया। शबाना खातून ने आरोप लगाया कि साजिश के तहत नेहाल को बुलाया गया और उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस ने इस मामले में कॉल डिटेल और अन्य तकनीकी साक्ष्य जुटाए और दोषियों को सजा दिलाई। अभियोजन पक्ष ने मामले में कुल आठ गवाहों की गवाही कराई। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने तीनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई। इस फैसले के बाद पीड़ित परिवार ने कहा कि सच्चाई की जीत हुई है। चार साल बाद ही सही, हमें न्याय मिला।