The secret to improving your CIBIL score: जानें कितने दिनों में आपका खराब स्कोर बनेगा 'हीरो'
Newsindialive Hindi June 15, 2025 07:42 PM
The secret to improving your CIBIL score: जानें कितने दिनों में आपका खराब स्कोर बनेगा ‘हीरो’

News India live, Digital Desk: The secret to improving your CIBIL score: आज के समय में घर का सपना हो, नई गाड़ी की चाहत हो या किसी जरूरत के लिए पर्सनल लोन, एक चीज हर जगह आपके रास्ते में खड़ी हो जाती है – आपका सिबिल स्कोर (CIBIL Score)। यह आपके वित्तीय जीवन का ‘रिपोर्ट कार्ड’ है, जो बताता है कि आप कर्ज चुकाने में कितने भरोसेमंद हैं।

अगर आपका स्कोर 750 से ऊपर है, तो बैंक आपको हाथों-हाथ लोन देते हैं। लेकिन अगर यह कम है, तो लोन मिलना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल मन में आता है, “मेरा खराब सिबिल स्कोर सुधरने में कितना समय लगेगा?”

बहुत से लोग सोचते हैं कि एक-दो EMI समय पर भर देने से या पुराना कर्ज चुका देने से अगले ही महीने उनका स्कोर ठीक हो जाएगा। लेकिन सच्चाई यह है कि यह कोई जादू की छड़ी नहीं है जिसे घुमाया और स्कोर सुधर गया। सिबिल स्कोर को सुधारना एक मैराथन की तरह है, 100 मीटर की दौड़ नहीं।

एक खराब सिबिल स्कोर को अच्छा होने में आमतौर पर 4 महीने से लेकर 12 महीने (या कभी-कभी इससे भी ज्यादा) का समय लग सकता है।

आखिर इतना समय क्यों लगता है?

इसे आसान भाषा में समझिए।

  • बैंक की रिपोर्टिंग साइकिल: आप जब भी कोई EMI या बिल चुकाते हैं, तो आपका बैंक या लोन देने वाली कंपनी तुरंत यह जानकारी सिबिल को नहीं भेजती। वे महीने भर के डेटा को इकट्ठा करके महीने के अंत में (या 30-45 दिनों के चक्र में) सिबिल को रिपोर्ट करते हैं।

  • भरोसा बनाने में लगता है वक्त: सिबिल यह देखना चाहता है कि आप सिर्फ एक बार नहीं, बल्कि लगातार अपनी अच्छी आदतें बनाए हुए हैं। जैसे एक दिन जिम जाने से सेहत नहीं बनती, वैसे ही एक EMI समय पर देने से वित्तीय सेहत नहीं सुधरती। जब आप 4-6 महीने तक लगातार समय पर भुगतान करते हैं, तब सिबिल को यकीन होता है कि आपमें सुधार आया है, और यह आपके स्कोर में दिखने लगता है।

  • स्कोर सुधारने के 4 सुनहरे नियम (Golden Rules):

    अगर आप सच में अपना स्कोर सुधारना चाहते हैं, तो आज से ही इन नियमों का पालन करना शुरू कर दें:

  • पहला और सबसे जरूरी नियम: समय पर बिल चुकाएं: अपनी लोन की EMI और क्रेडिट कार्ड के बिल की तारीख को कैलेंडर में मार्क कर लें। एक भी दिन की देरी आपके स्कोर पर बुरा असर डालती है। यह सबसे महत्वपूर्ण कदम है।

  • दूसरा नियम: क्रेडिट कार्ड को पूरा ‘खाली’ न करें: अपनी क्रेडिट लिमिट का समझदारी से उपयोग करें। अगर आपके कार्ड की लिमिट 1 लाख रुपये है, तो कोशिश करें कि आपका बकाया 30,000 रुपये से ज्यादा न हो। इसे ‘क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो’ कहते हैं और 30% से कम रखना सबसे अच्छा माना जाता है।

  • तीसरा नियम: ‘लोन के लिए बेचैन’ न दिखें: जब आप बहुत कम समय में बार-बार लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करते हैं, तो बैंकों को लगता है कि आप वित्तीय संकट में हैं। हर बार अप्लाई करने पर आपके स्कोर पर एक ‘हार्ड इन्क्वायरी’ दर्ज होती है, जो स्कोर को कम करती है।

  • चौथा नियम: अपनी रिपोर्ट पर रखें बाज की नजर: साल में कम से कम एक बार अपनी फ्री क्रेडिट रिपोर्ट जरूर चेक करें। कई बार बैंक की गलती से भी आपके स्कोर में गड़बड़ी हो सकती है। अगर कोई गलती दिखे, तो तुरंत सिबिल और संबंधित बैंक को रिपोर्ट करके उसे ठीक करवाएं।

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