गैस सुरक्षा युक्तियाँ: अक्सर हम बाजार से कोई भी प्रोडक्ट खरीदते समय उसकी एक्सपायरी डेट जरूर चेक करते हैं, लेकिन जब घर में एलपीजी सिलेंडर आता है, तो ज्यादातर लोग इसकी एक्सपायरी डेट चेक करना भूल जाते हैं. यह लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है, क्योंकि सिलेंडर की उम्र पूरी होने के बाद उसका मेटल कमजोर हो सकता है, जिससे लीकेज या ब्लास्ट का खतरा बढ़ जाता है.
गैस सिलेंडर को लंबे समय तक हाई प्रेशर गैस को सुरक्षित रूप से स्टोर करना होता है. समय के साथ सिलेंडर का मेटल जंग खा सकता है या कमजोर हो सकता है, जिससे उसमें लीकेज, ब्लास्ट या गैस रिसाव का खतरा होता है. ऐसे में सुरक्षा कारणों से हर सिलेंडर की एक तय समयसीमा होती है, जिसके बाद उसे फिर से जांच या नवीनीकरण की जरूरत होती है.
आपके घर आने वाले गैस सिलेंडर पर एक कोड लिखा होता है, जिसमें अक्षर और नंबर होते हैं. ये कोड सिलेंडर के टेस्टिंग क्वार्टर और वर्ष को दर्शाते हैं.
इसके साथ लिखा संख्या (जैसे- 25) उस साल को दर्शाती है.
उदाहरण: C-25 का अर्थ है कि यह सिलेंडर जुलाई-सितंबर 2025 तक सुरक्षित है. इसके बाद यह सिलेंडर एक्सपायर माना जाएगा और इसका दोबारा परीक्षण जरूरी है.
अगर आपके घर आया गैस सिलेंडर एक्सपायर हो चुका है, तो इसे कभी भी इस्तेमाल न करें. इसके बजाय इन कदमों को अपनाएं:
बहुत से लोग इस बात से अनजान होते हैं कि सिलेंडर की भी एक्सपायरी होती है. लेकिन यह एक छोटी सी जानकारी बड़ी दुर्घटनाओं को रोक सकती है. ऐसे में जरूरी है कि आप भी अगली बार जब गैस सिलेंडर घर लाएं, तो उस पर छपा कोड जरूर चेक करें.
गैस एजेंसियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह उपभोक्ताओं को एक्सपायर्ड सिलेंडर न भेजें. वहीं, सरकार की ओर से जनजागरूकता अभियान चलाना जरूरी है, ताकि हर उपभोक्ता यह जरूरी जानकारी समझ सके और खुद की तथा अपने परिवार की सुरक्षा कर सके.