आम जनता को बड़ी राहत, मई महीने की थोक महंगाई में आई गिरावट, खाने-पीने की वस्तुएं हुईं सस्ती
Lifeberrys Hindi June 16, 2025 07:42 PM

देश के लिए महंगाई के मोर्चे से एक बड़ी और राहतभरी खबर सामने आ रही है। भारत में मई महीने में थोक महंगाई की दर में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। यह गिरावट मुद्रास्फीति दर में अप्रैल की तुलना में आई नरमी के चलते है। जहां अप्रैल में थोक महंगाई दर 0.85 प्रतिशत दर्ज की गई थी, वहीं मई में यह घटकर मात्र 0.39 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो कि बीते 14 महीनों का सबसे निचला स्तर है।

इस गिरावट से आम आदमी को काफी राहत महसूस होगी, क्योंकि यह संकेत करता है कि रोजमर्रा के इस्तेमाल की वस्तुओं की कीमतों में कमी आई है। खासकर खाने-पीने और अन्य जरूरी उपभोग की चीजों की कीमत में आई कटौती से महंगाई में यह गिरावट देखने को मिली है। इससे पहले मार्च 2024 में थोक महंगाई दर 0.26 प्रतिशत दर्ज की गई थी, और अप्रैल में यह आंकड़ा 2.05 प्रतिशत से गिरकर 0.85 प्रतिशत हो गया था।

ये वस्तुएं हुईं सस्ती

खाने-पीने की वस्तुओं में आई कीमतों की कटौती का प्रभाव थोक महंगाई के आंकड़ों में साफ दिखता है। फूड इंडेक्स में महंगाई दर 2.55% से घटकर 1.72% पर पहुंच गई है। फ्यूल और पावर श्रेणी की थोक महंगाई दर -2.18% से घटकर -2.27% हो गई है। वहीं, मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की थोक महंगाई दर 2.62% से घटकर 2.04% पर दर्ज की गई है, जो घरेलू बाजार में संतुलन की स्थिति को दर्शाता है।

रिटेल महंगाई में भी दिखी नरमी


थोक महंगाई के आंकड़ों से पहले सरकार द्वारा रिटेल महंगाई के आंकड़े भी जारी किए गए थे। 12 जून को आए आंकड़ों के अनुसार, मई 2025 में भारत की रिटेल महंगाई गिरकर 2.82% हो गई, जो पिछले छह वर्षों का सबसे निचला स्तर है। मार्च 2019 में यह आंकड़ा 2.86% था। खाद्य पदार्थों की कीमतों में लगातार गिरावट के कारण रिटेल महंगाई में नरमी आई है। अप्रैल 2025 में यह 3.16% और मार्च में 3.34% रही, जो 67 महीने का न्यूनतम स्तर था। फरवरी से ही रिटेल महंगाई दर भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के 4% लक्ष्य से नीचे बनी हुई है।

महंगाई मापने का तरीका


महंगाई की गणना दो प्रमुख तरीकों—थोक और रिटेल के आधार पर की जाती है। इनमें अलग-अलग उत्पादों और श्रेणियों को मापदंड बनाया जाता है। थोक महंगाई में मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की हिस्सेदारी 63.75%, प्राइमरी आर्टिकल्स जैसे खाद्य पदार्थों की 22.62% और फ्यूल व ऊर्जा उत्पादों की 13.15% होती है। वहीं, रिटेल महंगाई में खाद्य उत्पादों की हिस्सेदारी 45.86%, आवास की 10.07% और फ्यूल व अन्य सेवाओं की भी भागीदारी शामिल होती है।

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