अतिरिक्त निदेशक कृषि (विस्तार) डॉ. जी.आर. मटोरिया की अध्यक्षता में शनिवार को विभागीय समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में हनुमानगढ़, नोहर एवं भादरा के सहायक निदेशक कृषि (विस्तार) सहित अन्य कृषि अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में डिग्गी, फार्म पोंड, पाइप लाइन, फेंसिंग, कृषि उपकरण आदि डीबीटी योजनाओं के साथ ही प्राकृतिक खेती, परंपरागत कृषि विकास योजना, मिनीकिट वितरण, अनुदानित दर पर बीज वितरण एवं गुणवत्ता नियंत्रण कार्यक्रमों की विस्तृत समीक्षा की गई। अतिरिक्त निदेशक ने निर्देश दिए कि डीबीटी योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृतियां शीघ्र जारी कर लक्ष्य के अनुरूप शत-प्रतिशत प्रगति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कृषि आदान निरीक्षकों को निर्देश दिए कि वे जिले में कार्यरत कृषि आदान विक्रेताओं के परिसरों का निरीक्षण करें तथा अधिक से अधिक नमूने एकत्रित कर जांच के लिए प्रयोगशाला में भिजवाएं। बिना अधिकृत अनुमति के बिक्री होती पाई जाने पर कानूनी कार्रवाई की जाए।
गुलाबी सुंडी नियंत्रण पर विस्तृत चर्चा
जिले के संयुक्त कृषि निदेशक डॉ. प्रमोद कुमार ने निर्देश दिए कि बीटी कपास में गुलाबी सुंडी नियंत्रण कार्यक्रम को लेकर किसानों के खेतों में फेरोमोन ट्रैप लगाए जाएं। इनकी निगरानी सहायक कृषि अधिकारी और कृषि पर्यवेक्षक द्वारा की जाए। साथ ही व्यक्तिगत संपर्क, व्हाट्सएप ग्रुप, पंपलेट, समाचार पत्र और किसान गोष्ठियों के माध्यम से किसानों को जानकारी दी जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि कीटनाशकों का छिड़काव विभागीय दिशा-निर्देशों के अनुसार किया जाए और बाजार से जांच किए बिना रेडी मिक्स कीटनाशकों का उपयोग न किया जाए।
किसान कस्टम हायरिंग सेंटर से ऑनलाइन बुक कर सकते हैं कृषि उपकरण
बैठक में कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी) की कार्यप्रणाली पर भी चर्चा की गई। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे सीएचसी एप के माध्यम से किसानों को कृषि उपकरणों की ऑनलाइन बुकिंग के बारे में जानकारी दें और इन केंद्रों का नियमित निरीक्षण करें। साथ ही विभागीय व्हाट्सएप ग्रुप में न्यूनतम 1000 किसानों को जोड़ने का लक्ष्य भी रखा गया।
हरियालो राजस्थान और जल संरक्षण पर जोर
डॉ. मटोरिया ने हरियालो राजस्थान और वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए अधिकारियों से किसानों को अधिक से अधिक पौधे लगाने के लिए प्रेरित करने का आह्वान किया। उन्होंने राजस्थान संपर्क पोर्टल और आरटीआई पोर्टल पर प्राप्त मामलों का गुणवत्तापूर्ण और समय पर निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।