साइबर सुरक्षा: भारत सरकार ने एंड्रॉयड मोबाइल यूजर्स के लिए बड़ा अलर्ट जारी किया है. यह चेतावनी उन ऐप्स के खिलाफ है जो प्ले स्टोर पर उपलब्ध हैं और फाइनेंशियल मदद के नाम पर लोगों को धोखा दे रहे हैं. सरकार ने ऐसे 10 ऐप्स की सूची जारी की है जो निजी डेटा चुराकर जालसाजी में लिप्त हैं.
यह चेतावनी गृह मंत्रालय के अधीन Indian Cyber Crime Coordination Centre (I4C) द्वारा जारी की गई है. इसके साइबर सुरक्षा जागरूकता मंच ‘Cyber Dost’ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर इन खतरनाक ऐप्स की सूची साझा की है, और उपयोगकर्ताओं से सतर्क रहने की अपील की है.
इन ऐप्स की सबसे चालाकी भरी रणनीति यह है कि ये असली ऐप्स जैसे दिखते हैं. इनका यूजर इंटरफेस काफी प्रोफेशनल होता है, जिससे लोग इनके झांसे में आ जाते हैं. ये ऐप्स बैंक डिटेल्स, व्यक्तिगत जानकारी और माइक्रोफोन एक्सेस लेकर लोगों की प्राइवेसी और वित्तीय सुरक्षा को खतरे में डालते हैं.
Cyber Dost के अनुसार, इनमें से कुछ ऐप्स का संबंध विदेशी और शत्रु देशों से हो सकता है. इनका मुख्य मकसद भारतीय नागरिकों की आर्थिक जानकारियों तक पहुंच बनाना है. यह एक साइबर जासूसी और वित्तीय ठगी का बड़ा नेटवर्क हो सकता है.
सरकारी चेतावनी के अनुसार, यदि नीचे दिए गए ऐप्स में से कोई भी आपके मोबाइल में मौजूद है, तो उसे तुरंत हटा दें:
Cyber Dost ने यह भी स्पष्ट किया है कि लोन या फाइनेंशियल ऐप्स डाउनलोड करने से पहले उसकी वैधता की जांच जरूर करें. सिर्फ RBI द्वारा मान्यता प्राप्त ऐप्स का ही उपयोग करें और कोई भी निजी जानकारी साझा करने से बचें.
सरकार ने यह भी चेतावनी दी है कि कई ऐप्स कॉल के दौरान इंटरनेट ऑन होने पर आपकी बातचीत रिकॉर्ड कर सकते हैं. इसके लिए Google Chrome की settings में जाकर माइक्रोफोन की अनुमति की जांच करनी चाहिए और अनावश्यक ऐप्स की अनुमति रद्द करनी चाहिए.
एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, कॉल के समय इंटरनेट ऑन रखना कई बार खतरे को न्योता देना हो सकता है, खासकर तब जब कोई ऐप background में mic access लिए हो. इसलिए, सावधानीपूर्वक mic access permissions की नियमित जांच करना जरूरी है.
इन खतरनाक ऐप्स के बारे में बच्चों और तकनीक की कम समझ रखने वाले परिवारजनों को जरूर जानकारी दें. साइबर अपराधी अक्सर कम सतर्क उपयोगकर्ताओं को टारगेट करते हैं, इसलिए साइबर जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है.
देश में बढ़ते डिजिटल पेमेंट और फाइनेंशियल ऐप्स के उपयोग के साथ ही साइबर खतरे भी तेजी से बढ़े हैं. ऐसे में नागरिकों को चाहिए कि वे साइबर जागरूकता को अपनाएं, समय-समय पर सिक्योरिटी सेटिंग्स चेक करें और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत साइबर हेल्पलाइन या नजदीकी पुलिस स्टेशन को दें.