प्री-मानसून की शुरुआत बरेली में रिकॉर्ड बारिश के साथ हुई। सोमवार दोपहर ढाई बजे से सुबह छह बजे तक 149.4 मिमी बारिश हुई। इससे पहले 27 जून 2013 को 193.7 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। इससे लोगों को गर्मी से राहत मिली। उधर, बारिश के बाद शहर के लोगों को जलभराव की समस्या से जूझना पड़ा। सड़कें तालाब बन गईं। उधर, बरेली जंक्शन और बरेली सिटी स्टेशन के बीच रेलवे लाइनों पर करीब चार फीट पानी भर गया। इससे यह रूट 13 घंटे तक बाधित रहा।
मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र और प्री-मानसून की सक्रियता के कारण भारी बारिश हुई है। अगले दो-तीन दिनों तक हल्की से मध्यम बारिश जारी रहने की संभावना है। अधिकतम तापमान 32.3 और न्यूनतम तापमान 22.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दोनों ही तापमान सामान्य से चार डिग्री कम रहे।
मौसम विशेषज्ञ अतुल के अनुसार रविवार रात से सोमवार सुबह तक प्रदेश के जिन जिलों में अनुकूल परिस्थितियां बनीं, वहां भारी बारिश हुई। सबसे अधिक बारिश तराई क्षेत्र में दर्ज की गई। प्रदेश की बात करें तो बरेली में सबसे अधिक 149.4 मिमी, सहारनपुर के नकुड़ में 120 मिमी, बिजनौर में 86 मिमी, गोंडा के मनकापुर में 83 मिमी, लखीमपुर खीरी के शारदानगर में 66.4 मिमी बारिश दर्ज की गई। बारिश के दौरान बिजली गिरने से दिल की धड़कनें तेज हो गईं। लोगों के घरों में लगे टीवी, इनवर्टर व अन्य उपकरण खराब हो गए।
धान, गन्ना किसानों को राहत, सब्जियों को नुकसान
धान व गन्ने की बुवाई का इंतजार कर रहे किसानों को बारिश से राहत मिली है। प्रगतिशील किसान सर्वेश के अनुसार अब धान व गन्ने की खेती शुरू हो जाएगी। अच्छी बारिश होने से खेत पानी में डूब गए थे। सिंचाई की जरूरत नहीं पड़ेगी। वहीं, बुवाई व रोपाई का काम नए सिरे से शुरू हो जाएगा। हालांकि, आम, जामुन व सब्जियों की फसलों को नुकसान की आशंका है। शहर के पांच लाख लोगों को जलभराव का सामना करना पड़ा
नालों की सफाई कर शहर को जलभराव से राहत दिलाने की नगर निगम की 5.5 करोड़ रुपये की योजना पहली बारिश में ही बह गई। सुरेश शर्मा नगर, सतीपुर, जनकपुरी, प्रेमनगर, बानखाना, बिधौलिया, आजमनगर, इंग्लिशगंज, फाल्तूनगंज, संजयनगर, सुभाषनगर समेत शहर के कई इलाकों में जलभराव के कारण यातायात प्रभावित रहा। लोगों के घरों और प्रतिष्ठानों में पानी भर गया। घरेलू सामान, फर्नीचर और कई उपभोक्ता वस्तुओं को नुकसान पहुंचा।
बारिश के बाद सुभाषनगर में भरा पानी - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
बारिश के कई घंटे बाद भी सड़कों से पानी नहीं निकल सका। इसके चलते कई लोग घरों से बाहर नहीं निकल सके। यह हाल तब है जब नगर निगम के अधिकारियों ने आठ जून तक सभी नालों की सफाई का दावा किया था। अब जाम पड़े नाले इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि तैयार योजना पर अमल नहीं हो सकता।
हजियापुर-सिकलपुर में सबसे ज्यादा पानी
हजियापुर, सिकलपुर और किला इलाकों में सबसे ज्यादा पानी भरा। हजियापुर में साइकिल सवार युवक फंस गया। लोगों ने आगे आकर उसे बचाया। इसी तरह फल-सब्जी बेचने वाले भी फंस गए, जिन्हें बचा लिया गया। बचाव के इंतजामों की बात करें तो हजियापुर में पंप चलाने के लिए डीजल नहीं था। कई घंटे तक पानी फंसा रहा। डेलापीर में झील के पीछे स्थित एक निजी छात्रावास से दस घंटे तक बारिश का पानी नहीं निकल सका। नगर निगम की टीम सक्शन मशीन लेकर पहुंची, लेकिन छात्रावास से पानी नहीं निकल सका, क्योंकि नालियां लगातार ओवरफ्लो हो रही थीं। जजेज कॉलोनी में घरों तक पानी पहुंच गया। एसएसपी कार्यालय में घुसे पानी को पंप से निकालना पड़ा।