भारत सरकार ने जनगणना 2027 के लिए अधिसूचना जारी कर दी है, जिससे देश की अगली जनगणना प्रक्रिया आधिकारिक रूप से प्रारंभ हो गई है। इस संबंध में अधिसूचना आज भारत के राजपत्र (Official Gazette) में प्रकाशित कर दी गई है।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस बार की जनगणना में जाति आधारित गणना (Caste Enumeration) भी की जाएगी। कुछ भ्रामक सूचनाओं के माध्यम से यह प्रचारित किया जा रहा है कि अधिसूचना में जाति गणना का कोई उल्लेख नहीं है, जबकि यह तथ्य सरकार द्वारा पहले ही 30 अप्रैल, 4 जून और 15 जून 2025 की प्रेस विज्ञप्तियों में स्पष्ट कर दिया गया था कि जातिगत आंकड़े भी इस जनगणना का हिस्सा होंगे।
कब से शुरू होगी जनगणना?जनगणना 2027 के लिए संदर्भ तिथि (Reference Date) निम्न प्रकार निर्धारित की गई है:
1 मार्च 2027 – सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए
1 अक्टूबर 2026 – लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के हिमाच्छादित क्षेत्रों के लिए
सरकार के अनुसार, इन क्षेत्रों में मौसम की परिस्थितियों को देखते हुए पहले जनगणना कराई जाएगी।
जातिगत गणना क्यों है महत्वपूर्ण?जाति आधारित जनगणना की मांग लंबे समय से की जा रही थी, ताकि देश में सामाजिक न्याय और नीतिगत योजनाओं के लिए सटीक डेटा उपलब्ध हो सके। इससे सामाजिक व आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों की यथार्थ स्थिति का विश्लेषण करना संभव हो सकेगा और विभिन्न सरकारी योजनाओं का सटीक लक्ष्य निर्धारण किया जा सकेगा।
जनगणना 2027 की घोषणा न केवल आंकड़ों का संकलन है, बल्कि यह भारत के सामाजिक ढांचे की एक व्यापक तस्वीर प्रस्तुत करेगी। यह सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता है कि हर व्यक्ति की भागीदारी हो और कोई भी जनगणना से वंचित न रहे।