श्रम कल्याण योजनाओं ने 50 लाख से अधिक असंगठित श्रमिकों को बनाया सशक्त : केंद्र
Samachar Nama Hindi June 18, 2025 01:42 AM

नई दिल्ली, 17 जून (आईएएनएस)। केंद्र सरकार ने मंगलवार को जानकारी दी कि देश में कल्याणकारी योजनाओं ने 50 लाख से अधिक श्रमिकों और उनके परिवारों को सहायता प्रदान की है।

श्रम कल्याण महानिदेशालय (डीजीएलडब्ल्यू) के माध्यम से श्रम और रोजगार मंत्रालय ने भारत में असंगठित श्रमिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कल्याणकारी योजनाओं की एक सीरीज को लागू करना जारी रखा है।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "50 लाख से अधिक श्रमिकों और उनके परिवारों पर सीधे प्रभाव डालने वाली ये योजनाएं श्रमिकों के कल्याण और अधिकारों की रक्षा के लिए डिजाइन की गई रणनीति की आधारशिला हैं।"

वेलफेयर फ्रेमवर्क के प्रमुख घटकों में से एक शिक्षा सहायता योजना है, जो बीड़ी और गैर-कोयला खदान श्रमिकों के बच्चों के लिए 1,000 रुपए से 25,000 रुपए तक की वार्षिक छात्रवृत्ति प्रदान करती है।

नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल (एनएसपी) के माध्यम से कार्यान्वित की जाने वाली इस योजना के तहत हर साल एक लाख से अधिक आवेदन प्राप्त होते हैं, जिसमें प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) पारदर्शी और समय पर वितरण सुनिश्चित करता है।

स्वास्थ्य योजना के तहत स्वास्थ्य सेवा सहायता में डिस्पेंसरियों के राष्ट्रीय नेटवर्क के माध्यम से आउट पेशेंट सर्विस, साथ ही हृदय रोग, किडनी ट्रांसप्लांट, कैंसर, टीबी और माइनर सर्जरी जैसी गंभीर बीमारियों के लिए विशेष उपचार के लिए रिइंबर्समेंट शामिल है।

मंत्रालय के अनुसार, वित्तीय सहायता छोटी सर्जरी के लिए 30,000 रुपए से लेकर कैंसर के इलाज के लिए 7.5 लाख रुपए तक है, जिससे कम आय वाले श्रमिकों के लिए जीवन रक्षक स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच सुनिश्चित होती है।

हालांकि 2016 में शुरू की गई रिवाइज्ड इंटीग्रेटेड हाउसिंग स्कीम (आरआईएचएस) अब समाप्त हो चुकी है और इसे प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) में मिला दिया गया है, लेकिन मंत्रालय पात्र लाभार्थियों को 31 मार्च, 2024 तक लंबित किश्तों का वितरण जारी रखे हुए है।

डीजीएलडब्ल्यू के तहत कार्यरत श्रम कल्याण संगठन (एलडब्ल्यूओ) 18 कल्याण आयुक्तों के एक सुव्यवस्थित नेटवर्क के माध्यम से देश भर में इन योजनाओं का संचालन करता है। इसका लक्ष्य दूरदराज और वंचित क्षेत्रों में रहने वाले श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा के लिए वित्तीय और आवास सहायता प्रदान करना है।

मंत्रालय ने कहा, "ये लक्षित योजनाएं असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के जीवन की गुणवत्ता और सामाजिक सुरक्षा में सुधार करती हैं। साथ ही, सरकार के 'सबका साथ, सबका विकास' दृष्टिकोण को भी क्रियान्वित करती हैं।"

--आईएएनएस

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