Vishwakarma Yuva Udyami Yojana: राजस्थान सरकार युवाओं को स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए एक बड़ी योजना पर काम कर रही है. इसके तहत राज्य में जल्द ही ‘विश्वकर्मा युवा उद्यमी प्रोत्साहन योजना’ शुरू की जाएगी. इसका उद्देश्य है कि युवाओं को एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) सेक्टर में जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर और रोजगारदाता बनाया जाए.
सरकार की ओर से प्रस्तावित योजना के तहत युवाओं को 2 करोड़ रुपये तक का लोन दिया जाएगा. इस लोन पर लगने वाले ब्याज में से अधिकतम 8% तक की राशि राज्य सरकार स्वयं वहन करेगी. इससे नई उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा और युवाओं में स्वरोजगार के प्रति विश्वास जगेगा.
इस योजना की खास बात यह भी है कि यदि कोई युवा उद्यमी अपने उद्योग को कम से कम तीन वर्षों तक सफलतापूर्वक संचालित करता है, तो उसे सरकार की ओर से 5 लाख रुपये तक की सब्सिडी भी प्रदान की जाएगी. यह प्रोत्साहन राशि युवाओं को दीर्घकालिक सोच और आत्मनिर्भरता की ओर प्रेरित करेगी.
अधिकारियों का दावा है कि यह योजना न केवल युवाओं को आर्थिक सहयोग देगी, बल्कि इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बड़ी संख्या में उत्पन्न होंगे. एक सफल युवा उद्यमी अपने साथ कई अन्य लोगों को भी काम देने की स्थिति में आता है, जिससे पूरे क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी होती है.
उद्योग विभाग ने योजना का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. अब केवल राज्य सरकार से इसकी औपचारिक स्वीकृति मिलनी बाकी है. प्रस्ताव के अनुसार, योजना को प्रदेश के सभी जिलों में समान रूप से लागू किया जाएगा और MSME सेक्टर की आवश्यकताओं के अनुरूप फाइनेंशियल और नीतिगत समर्थन उपलब्ध कराया जाएगा.
राज्य सरकार ने प्रदेश को औद्योगिक हब बनाने की दिशा में भी ठोस कदम उठाए हैं. सरकार की नई एमएसएमई और निर्यात प्रोत्साहन नीति के तहत 2 लाख नई एमएसएमई इंडस्ट्रीज शुरू करने की योजना बनाई जा रही है. यह प्रयास राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के बाद और अधिक गति पकड़ चुका है.
नई नीति के तहत निर्यात आधारित इकाइयों को विशेष छूट और समर्थन देने का भी प्रावधान है. राज्य सरकार मानती है कि निर्यात और एमएसएमई सेक्टर ही आर्थिक विकास की रीढ़ बन सकते हैं, इसलिए बुनियादी ढांचे, ट्रेनिंग, मार्केट एक्सेस और तकनीक के क्षेत्र में नई पहल की जा रही है.
इससे पहले कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री लघु प्रोत्साहन योजना चलाई गई थी, जिसके अंतर्गत 10 करोड़ रुपये तक के लोन और उस पर ब्याज में छूट दी जाती थी.
अब वर्तमान सरकार ने इससे जुड़े बड़े लोन वाले प्रस्तावों को राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना (RIPS) के साथ जोड़ा है, जो बड़े स्तर के एमएसएमई निवेशकों के लिए है. वहीं, नए उद्यमियों के लिए विश्वकर्मा योजना एक सटीक और सुलभ विकल्प होगी.