नैनीताल, 18 जून (Udaipur Kiran) । नगर पालिका परिषद की आयोजित बोर्ड बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-2026 के लिए 41 करोड़ 39 लाख 92 हजार 849 रुपये के अनुमानित बजट को पारित कर दिया गया है। साथ ही मल्लीताल स्थित ऐतिहासिक डीएसए-फ्लैट्स खेल मैदान को वन विभाग को दिये जाने के प्रकरण में उच्च न्यायालय की शरण में जाने का बड़ा निर्णय लिया गया है।
पालिकाध्यक्ष डॉ. सरस्वती खेतवाल की अध्यक्षता में हुई बोर्ड बैठक में लेखाधिकारी द्वारा पूर्व के 6.63 करोड़ रुपये के शेष बजट सहित कुल 48.39 करोड़ रुपये की रूपरेखा प्रस्तुत की गई, जिसमें से 33.22 करोड़ रुपये व्यय के बाद 14.80 करोड़ रुपये शेष रहने की जानकारी दी गई। बैठक में भवन कर, किराया, सफाई, ठेके व विभिन्न योजनाओं के तहत होने वाली आय व व्यय का विस्तृत ब्यौरा दिया गया। अधिशासी अधिकारी रोहिताश शर्मा ने कूड़ा वाहन, कूड़ेदान व अन्य प्रस्तावों के लिए शासन से धनराशि प्राप्त होने का भरोसा दिलाते हुए बजट के 60 करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना जताई, जिस पर सभासदों ने प्रसन्नता जताई।
बैठक में डीडीए से अब तक प्राप्त विकास शुल्क की जानकारी जुटाकर अवशेष भुगतान के लिए पत्राचार करने, अवस्थापना मद में प्रस्ताव भेजने, जल संस्थान को नौले संरक्षण के लिए दी गई धनराशि की प्रगति की जानकारी लेने, पालिका विद्यालय से गायब टीवी की जांच, नर्सरी विद्यालय में पर्यावरण मित्र के वेतन की स्वीकृति, स्टोर में उपलब्ध सामग्री का ब्यौरा देने, बिजली पोलों पर प्रकाश व्यवस्था की पहल, डोर-टू-डोर सफाई कार्यों की जांच हेतु समिति गठन और सभी वार्डों में सफाई हवलदारों की नियुक्ति के निर्णय शामिल रहे।
खेल मैदान के मामले में उच्च न्यायालय जाने का निर्णय
नैनीताल। बैठक में मल्लीताल स्थित ऐतिहासिक खेल मैदान के प्रकरण में सभासद मनोज साह जगाती ने अधिवक्ता की विधिक राय प्रस्तुत की, जिसमें बताया गया कि 1939 के शासनादेश के अनुसार खेल मैदान पालिका को हस्तांतरित किया गया था। हालांकि पूर्व बोर्ड के कार्यकाल की समाप्ति और नई बोर्ड के गठन से पहले, एक फरवरी 2025 को प्रशासक द्वारा बिना पंजीकृत समझौते के मैदान को जिला खेल विभाग को सौंप दिया गया। इसके लिये किराये की कोई व्यवस्था भी नहीं की गई और पार्किंग से प्राप्त होने वाली धनराशि का 50 प्रतिशत हिस्सा मैदान के रखरखाव तथा खेल आयोजनों से होने वाली आय का 50 प्रतिशत हिस्सा खेल उन्नयन में खर्च करने की शर्त तय की गई। पालिकाध्यक्ष डॉ सरस्वती खेतवाल व सभासदों ने इसे अस्वीकार्य मानते हुए विधिक राय पर हस्ताक्षर किए और निर्णय लिया कि बिना बोर्ड की सहमति लिए गए इस निर्णय को नैनीताल उच्च न्यायालय में चुनौती दी जाएगी।
(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी