World Sickle Cell Day 2025: जेनेटिक डिसऑर्डर होता है 'सिकल सेल' नाम का एनीमिया...जानें इसके शुरूआती लक्षण और बचाव के उपाय
GH News June 19, 2025 10:07 AM

What is Sickle Cell Anaemia: एनीमिया की बीमारी में आपने अक्सर शरीर में खून की कमी को देखा होगा. हालांकि, ये खून की कमी समय के साथ ठीक हो जाती है. मगर सिकल सेल नाम का एनीमिया जेनेटिक डिसऑर्डर है जो कि नॉर्मल एनीमिया से काफी अलग होता है.

Sickle Cell Anaemia Symptoms: एनीमिया की परेशानी आम है. मगर सिकल सेल एनीमिया (Sickle Cell Anemia) एक जेनेटिक रोग है जिसमें लाल रक्त कोशिकाएं (Red Blood Cells) हंसिया (Sickle) के आकार की हो जाती हैं. सामान्य लाल रक्त कोशिकाएं गोल और लचीली होती हैं, जो रक्त वाहिकाओं (Blood Vessels) में आसानी से घूमती हैं और पूरे शरीर में ऑक्सीजन ले जाती हैं. सिकल सेल वाली कोशिकाएं कठोर और चिपचिपी होती हैं, जिससे वे छोटी रक्त वाहिकाओं में फंस सकती हैं और रक्त प्रवाह को रोक सकती हैं. यह ऑक्सीजन की कमी का कारण बनता है, जिससे दर्द, अंग क्षति और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. यह बीमारी माता-पिता से बच्चों में जेनेटिक्स के जरिए आती है.

क्या होते हैं शुरूआती लक्षण

  • अत्यधिक थकान और कमजोरी: शरीर में पर्याप्त ऑक्सीजन न पहुंच पाने के कारण एनीमिया होता है, जिससे लगातार थकान महसूस होती है.
  • पीलिया: लाल रक्त कोशिकाओं के तेजी से टूटने के कारण बिलीरुबिन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे त्वचा और आंखों का रंग पीला पड़ जाता है.
  • हाथों और पैरों में सूजन (Dactylitis): सिकल सेल छोटी रक्त वाहिकाओं को अवरुद्ध कर सकती हैं, जिससे हाथों और पैरों में दर्दनाक सूजन आ सकती है.
  • बार-बार संक्रमण: सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है, जिससे उन्हें निमोनिया और अन्य संक्रमणों का खतरा अधिक होता है.
  • विकास में देरी: शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन न मिल पाने के कारण बच्चों का शारीरिक विकास सामान्य गति से नहीं हो पाता है.
  • अचानक तेज दर्द (क्राइसिस): सिकल सेल रक्त वाहिकाओं को अवरुद्ध कर सकती हैं, जिससे शरीर के किसी भी हिस्से में अचानक और असहनीय दर्द हो सकता है, जिसे सिकल सेल क्राइसिस कहा जाता है.

विश्व सिकल सेल जागरूकता दिवस 2025

बता दें कि हर साल 19 जून को विश्व सिकल सेल जागरूकता दिवस मनाया जाता है. इसका उद्देशय लोगों को इस खतरनाक बीमारी के बारे में जागरूक करने का होता है. यह एक जेनेटिकल ब्लड डिसऑर्डर है, जो सीधा हमारी लाल रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करता है. अगर इसका वक्त पर इलाज ना हो, तो ये खतरनाक रूप ले सकता है.

नोट: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है. इसे केवल सुझाव के तौर पर लें. इस तरह की किसी भी जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर या किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें. (Photo Credit- Pinterest)

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