देश में 15 अगस्त 2025 से नया FASTag बेस्ड पास जारी किया जाएगा. इस पास से पर्सनल वाहन मालिक 3000 रुपये में साल भर या 200 बार देशभर में टोल फ्री यात्रा कर सकेंगे. ये पास निजी वाहनों जैसे कार, जीप और वैन के लिए जारी किया जाएगा. कमर्शियल और हैवी वाहन इसका इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. इसके अलावा ये पास सिर्फ नेशनल हाईवे और सिर्फ नेशनल एक्सप्रेस-वे पर ही मान्य होगा. नए पास सिस्टम से 60 किमी की सीमा के भीतर स्थित टोल प्लाजा को लेकर लंबे समय से चली आ रही चिंताएं भी दूर होंगी.
आखिर टोल प्लाजा का 60 किमी वाला नियम क्या है, जिसको लेकर अक्सर सवाल खड़े होते रहते हैं. नियम कहता है कि एक ही दिशा में 60 किमी के अंदर दो टोल प्लाजा नहीं होने चाहिए, लेकिन कई जगहों पर लोग शिकायत करते हैं कि उन्हें 3040 किमी के भीतर ही दो टोल प्लाजा पर टोल देना पड़ता है. कई बार लोगों को लगता है कि नियम का सही तरीके से पालन नहीं हो रहा है. लोगों को लगता है कि सरकार या कंपनी नियम तोड़कर ज्यादा टोल वसूल रही है. इस वजह से कई बार टोल प्लाजा पर विवाद की स्थिति बन जाती है.
जानें क्या कहता है नियम?केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की ओर से लोकसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल प्लाजा राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों का निर्धारण और संग्रह) नियम 2008 के अनुसार लगाए जाते हैं. इन नियमों के मुताबिक, किसी भी राष्ट्रीय राजमार्ग के एक ही हिस्से और एक ही दिशा में 60 किलोमीटर के अंदर कोई दूसरा टोल प्लाजा नहीं लगाया जा सकता. यह 60 किलोमीटर वाला नियम 2008 के नियमों के बाद लागू हुआ है. इससे पहले जो 1997 के नियम थे, उनमें ऐसा कोई प्रावधान नहीं था.
क्या 60 किमी के भीतर 2 बार देना होगा टोलगडकरी ने आगे बताया था कि अगर जरूरत समझी जाए तो अथॉरिटी जैसे NHAI लिखित कारणों के आधार पर 60 किलोमीटर के अंदर भी दूसरा टोल प्लाजा बना सकता है या किसी कंपनी को इसकी अनुमति दे सकता है. इसके अलावा अगर कोई टोल प्लाजा किसी बड़े पुल, बाईपास या सुरंग से जुड़ा है तो उसे 60 किलोमीटर की सीमा के अंदर भी बनाया जा सकता है. साथ ही अगर किसी हाईवे पर बंद उपयोगकर्ता प्रणाली (closed user system) के तहत टोल वसूली हो रही है तो टोल प्लाजा कहीं भी लगाया जा सकता है, दूरी की कोई सीमा नहीं होती.
कैसे खत्म होगा विवादनए लागू हो रहे पास सिस्टम कुछ हद तक 60 किमी नियम वाला विवाद खत्म हो जाएगा. क्योंकि इस पास के तहत 3000 रुपये सालाना देकर 200 बार या एक साल तक यात्रा कर सकते हैं. हालांकि, इस यात्रा बीच जितने भी टोल आएंगे वो काउंट होते जाएंगे. 200 बार टोल क्रॉस करने पर आपको फिर से रिचार्ज कराने की जरूरत होगी. हालांकि, इससे लागत काफी कम हो जाएगी. ध्यान रहे कि ये 3000 सालाना पास सिस्टम सिर्फ निजी वाहनों जैसे कार और जीप के लिए होगा. कमर्शियल और बड़े वाहनों को पहले की तरह टोल टैक्स देना होगा.