National : दुनिया की बढ़ी टेंशन!, Iran ने Israel पर दागी Hypersonic Missile! जानें कितनी होती है खतरनाक? – अभी पढ़ें
sabkuchgyan June 19, 2025 06:26 PM

हाइपरसोनिक मिसाइल ईरान इज़राइल संघर्ष: पूरी दुनिया की नजर इस वक्त ईरान और इजरायल पर है। ईरान और इजराइल के बीच बीते एक हफ्ते से तनाव चल रहा है। हाल ही में ईरान के सुप्रीम कमांडर आयतुल्ला अली खामेनेई ने जंग की घोषणा की। इस ऐलान के बाद से ही ईरान ने इजराइल पर हमले भी तेज कर दिए। साथ ही ईरान की तरफ से ये दावा किया जा रहा है कि उसने इजराइल पर हाइपरसोनिक मिसाइल दागी है। हालांकि इस दावे का कोई सबूत तो नहीं मिल पाया है। जिसके चलते ये दावा झूठा सा लग रहा है।

Iran ने Israel पर दागी हाइपरसोनिक मिसाइल (ईरान इज़राइल सहnflict)

अगर आपको नहीं पता तो हम बता दें कि हाइपरसोनिक मिसाइलें वे हथियार हैं जो साउड की स्पीड से 5 गुना या उससे अधिक (मैक 5 या 6,174 किमी/घंटा से ज्यादा) की स्पीड से उड़ान भरती हैं। इस मिसाइल को रोकना लगभग ना के बराबर है। यहीं वजह है कि इस हाइपरसोनिक मिसाइल के इस्तेमाल की बात से डर का महौल है।

हाइपरसोनिक का मतलब क्या है?

अमुमन हाइपरसोनिक शब्द उन हथियारों के लिए यूज किया जाता है जो धरती के वायुमंडल में काफी तेज स्पीड से जाते है। इनकी रफतार इतनी होती है कि इन्हें रोकना काफी मुश्किल होता है।

बता दें कि हाइपरसोनिक मिसाइलें मैक-5 करीब 6100 km/hr की स्पीड से बढ़ सकती है। ये साउड की स्पीड से करीब पांच गुना ज्यादा तेज है। ईरान की माने तो फतह-1 मिसाइल मैक 15 करीब 18000 km/hr की स्पीड से टारगेट कर सकती है।

इसके सामने सब फेल

लॉन्च होने के काफी टाइम तक बैलिस्टिक मिसाइल हवा में रहती है। जिसके चलते इन्हें डिटेक्ट के साथ इंटरसेप्ट भी किया जा सकता है। हालांकि हाइपरसोनिक मिसाइल को ट्रैक करना और उसके बाद एयर डिफेंस मिसाइल लॉन्च करना थोड़ा मुश्किल भरा है। यहीं वजह है कि इस युद्द में इन मिसाइलों का इस्तेमाल दुनियाभर को डरा रहा है। ये आने वाले समय में दिक्कत पैदा कर सकता है।

हालांकि Iran के दावों पर शक गहरा रहा है। ईरान ने बीते दिन Israel की ओर हाइपरसोनिक फ़तह 1 मिसाइलें दागी है या नहीं ये अभी भी बहस का विषय है।

अमेरिका और चीन के पास है ये मिसाइल

विशेषज्ञों की माने तो केवल अमेरिका और चीन ने ही नई जनरेशन की हाइपरसोनिक मिसाइलें बनाई है। लेकिन इनका दोनों ही देशों ने कभी भी युद्ध भी इस्तेमाल नहीं किया है। रूस, नोर्थ कोरिया और पाकिस्तान आदि देशों ने समान लेकिन कम तकनीक वाली मिसाइलों का परीक्षण या उपयोग किया है। ईरान के इस दावे पर विशिेषज्ञों का मानना है कि उसके पास ये बनाने की क्षमता ही नहीं है।

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