इजराइल और ईरान के बीच चल रहे तनाव और मिसाइल हमलों की खबरों के बीच इजराइल का शेयर बाजार ने नया इतिहास रच दिया. 19 जून 2025 को ईरान ने इजराइल के आर्थिक केंद्र तेल अवीव में 25 से ज्यादा मिसाइलें दागीं. इस हमले में तेल अवीव स्टॉक एक्सचेंज (TASE) की इमारत को भी भारी नुकसान हुआ. इस हमले ने शहर में अफरा-तफरी मचा दी, लेकिन हैरानी की बात ये है कि इसके बावजूद इजराइल का शेयर बाजार न सिर्फ टिका रहा, बल्कि अपने 52 हफ्तों के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया.
बाजार ने छुआ 52 हफ्तों का आसमानगुरुवार को TASE का ऑल शेयर इंडेक्स 0.5 फीसदी की बढ़त के साथ 2574.89 के स्तर पर बंद हुआ. ये इसका 52 हफ्तों का सबसे ऊंचा स्तर है. इतना ही नहीं, TA-35 और TA-125 जैसे बड़े इंडेक्स भी अपने ऑल-टाइम हाई पर पहुंचे. TA-35 इंडेक्स 2,810.85 और TA-125 इंडेक्स 2,850.08 के स्तर पर बंद हुआ.
पिछले एक हफ्ते की बात करें तो TA-125 इंडेक्स ने 5 फीसदी की शानदार उछाल दर्ज की. मई 2025 में इसने 6.55 फीसदी और अप्रैल में 4.53 फीसदी की बढ़त हासिल की थी. वहीं एक साल में TASE ने 47% से ज्यादा का रिर्टन दिया है. ये आंकड़े बताते हैं कि निवेशकों का भरोसा डगमगाने की बजाय और मजबूत हुआ है.
अल जजीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को ईरान ने इजरायल पर 25 से ज्यादा मिसाइलें दागीं. इन हमलों से स्टॉक एक्सचेंज को भी नुकसान हुआ लेकिन बाजार ने इस खबरों को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया. निवेशकों ने डरने की बजाय बाजार में पैसा लगाना जारी रखा, जिससे TASE ने नया रिकॉर्ड बनाया.
तेल अबीब की बिल्डिंग पर ईरान ने दागी मिसाइल
इजराइल का बाजार क्यों नहीं डगमगाया?अब सबसे बड़ा सवाल गाजा, लेबनान के बाद ईरान से भिड़ने के बाद भी आखिर इजराइल का शेयर बाजार कैसे चमक रहा है? दरअसल, इस तेजी के पीछे के कई बड़े कारण हैं.
1. टेक्नोलॉजी और स्टार्टअप्स की ताकतइजरायल को “स्टार्टअप नेशन” कहा जाता है. इसकी टेक इंडस्ट्री, साइबर सिक्योरिटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में उसकी ताकत दुनिया भर में मशहूर है. टेक कंपनियों ने निवेशकों को आकर्षित किया. जिससे बाजार को सहारा मिला.
2. डिफेंस सेक्टर का दमयुद्ध की स्थिति में डिफेंस कंपनियों की मांग बढ़ जाती है. इजरायल की कंपनियां जैसे एल्बिट सिस्टम्स और राफेल हथियारों और डिफेंस टेक्नोलॉजी में अग्रणी हैं. इनके शेयरों में भारी खरीदारी ने बाजार को बुलंद रखा. ईरान के हमले ने डिफेंस सेक्टर की अहमियत को और बढ़ा दिया.
3. मजबूत आर्थिक नीतियांइजराइल की सरकार और सेंट्रल बैंक ने युद्ध के दौरान आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के लिए कई कदम उठाए. 2023 में गाजा युद्ध के बाद भी अर्थव्यवस्था ने 3 फीसदी की ग्रोथ दिखाई. बेरोजगारी दर 3.5 फीसदी के निचले स्तर पर थी. शेकेल की कीमत में कमी और 4.75 फीसदी की ब्याज दरों के बावजूद सरकार की नीतियों ने निवेशकों का भरोसा बनाए रखा.
5. वैश्विक बाजारों से अलग रुखईरान के हमले की खबरों से वैश्विक बाजारों में हलचल मच गई. S&P 500 और नैस्डैक 1-2 फीसदी गिरे, और तेल की कीमतें 10 फीसदी उछलीं लेकिन इजरायल का बाजार इन सबसे बेअसर रहा. निवेशकों ने इसे मौके के रूप में देखा और खरीदारी की.
युद्ध का आर्थिक बोझ भी झेल रहा इजराइलगाजा के बाद ईरान से हो रही जंग ने इजरायल की अर्थव्यवस्था पर भारी दबाव डाला. 2024 में डिफेंस बजट को जीडीपी का 7 फीसदी करना पड़ा, जिससे दूसरे सेक्टर्स में कटौती हुई. लेकिन इजराइल की अर्थव्यवस्था ने पहले भी ऐसी चुनौतियों का सामना किया है. 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट में जब पूरी दुनिया त्राहिमाम कर रही थी उस दौरान भी इजरायल ने 4.2 फीसदी की औसत ग्रोथ दिखाई थी. इस बार भी टेक और डिफेंस सेक्टर्स ने बाजार को संभाला.