दो व्हीलर सुरक्षा नियम: देश में बढ़ते सड़क हादसों और दोपहिया वाहन चालकों की सुरक्षा को लेकर सरकार अब एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) और हेलमेट को लेकर सख्त नियम लागू करने जा रही है. जनवरी 2026 से देश में बिकने वाले हर दोपहिया वाहन में ABS अनिवार्य होगा, चाहे वह बाइक हो या स्कूटर और उसकी इंजन क्षमता कुछ भी हो.
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) जल्द ही इस बारे में एक औपचारिक अधिसूचना जारी करने वाला है, जिसमें कहा जाएगा कि जनवरी 2026 से बनने वाले सभी दोपहिया वाहनों में ABS देना अनिवार्य होगा.
इस बार सबसे खास बात यह है कि इंजन क्षमता के आधार पर कोई छूट नहीं मिलेगी, यानी 100cc से लेकर 350cc या उससे ऊपर की बाइक और स्कूटर, सभी में यह फीचर देना अनिवार्य होगा.
ABS (Anti-Lock Braking System) एक ऐसी तकनीक है जो आपातकालीन स्थिति में ब्रेक लगाते समय टायर को लॉक होने से रोकती है. इससे वाहन फिसलता नहीं है और नियंत्रण बना रहता है.
जब आप तेजी से ब्रेक लगाते हैं और टायर लॉक हो जाता है, तो बाइक असंतुलित हो जाती है और फिसलने की आशंका बढ़ जाती है. ABS यह सुनिश्चित करता है कि टायर चलते रहें और ब्रेकिंग प्रक्रिया सुरक्षित तरीके से पूरी हो.
फिलहाल, केवल 125cc से अधिक इंजन क्षमता वाले दोपहिया वाहनों में ही ABS देना अनिवार्य है. इसका मतलब यह है कि करीब 45% बाइकों में यह फीचर नहीं होता, क्योंकि भारतीय बाजार में हीरो स्प्लेंडर, टीवीएस स्पोर्ट, बजाज प्लैटिना, होंडा शाइन जैसी 125cc से कम क्षमता वाली बाइकों की खपत सबसे ज्यादा है.
सभी नई बाइकों में ABS अनिवार्य होने से सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में स्पष्ट कमी आएगी. यह निर्णय तेजी से चलने वाली बाइकों को विशेष रूप से ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जो 70 किमी/घंटा या उससे अधिक की रफ्तार से चलती हैं.
सेफ्टी को और मजबूत बनाने के लिए, सरकार यह भी योजना बना रही है कि वाहन डीलर सभी दोपहिया वाहनों के साथ दो BIS प्रमाणित हेलमेट अनिवार्य रूप से दें.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पहले ही इस प्रस्ताव को सार्वजनिक रूप से रख चुके हैं. जल्द ही इस पर भी अधिसूचना जारी हो सकती है.
भारत में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 44% मौतें दोपहिया चालकों की होती हैं. इनमें से अधिकतर मौतें सिर में गंभीर चोट लगने के कारण होती हैं, और इसका मुख्य कारण हेलमेट का उपयोग न होना है.
अगर हर बाइक के साथ दो हेलमेट दिए जाएं, तो ना सिर्फ ड्राइवर बल्कि पीछे बैठने वाले की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो सकती है.
यह कदम केवल तकनीकी बदलाव नहीं है, बल्कि जन सुरक्षा को बढ़ाने की दिशा में एक अहम फैसला है. ABS और हेलमेट जैसे उपाय लाखों लोगों की जान बचा सकते हैं, बशर्ते इनका सही उपयोग हो.