Gorakhpur Azamgarh expressway: उत्तर प्रदेश सरकार की एक महत्त्वाकांक्षी परियोजना गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का सपना साकार करने में किसानों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस योगदान को सराहते हुए 22,029 किसानों को 2,030.29 करोड़ रुपये का मुआवज़ा देकर सम्मानित किया है. यह एक्सप्रेसवे न केवल पूर्वांचल के विकास में मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि किसानों की भागीदारी का एक बेहतरीन उदाहरण भी पेश करता है.
गोरखपुर से आजमगढ़ तक बनने वाला यह 91.35 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे, राज्य के चार जिलों—गोरखपुर, संत कबीरनगर, अंबेडकरनगर और आजमगढ़—के 172 गांवों से होकर गुजरेगा. इस परियोजना के लिए कुल 1148.77 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है.
इस परियोजना की शुरुआत जनवरी 2020 में हुई थी और अब यह अपने अंतिम चरण में है. इस एक्सप्रेसवे के उद्घाटन के साथ ही पूर्वांचल के लाखों लोगों को तेज और सुगम यातायात सुविधा मिलने लगेगी.
सरकार ने किसानों के सहयोग और त्याग को ध्यान में रखते हुए मुआवज़ा राशि सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की है. इससे पारदर्शिता बनी रही और किसानों को समय पर भुगतान मिला.
इस परियोजना में सबसे अधिक भूमि अधिग्रहण गोरखपुर जिले से हुआ है. यहां 88 गांवों से 570.73 हेक्टेयर जमीन ली गई और 12,935 किसानों को 1248.28 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया.
संत कबीर नगर जिले के 4 गांवों से 20.91 हेक्टेयर भूमि ली गई. इसके एवज में 422 किसानों को कुल 15.26 करोड़ रुपये का मुआवजा प्रदान किया गया.
इस जिले के 37 गांवों से 297.88 हेक्टेयर भूमि ली गई. 4,741 किसानों को 438.04 करोड़ रुपये का भुगतान सरकार द्वारा किया गया.
आजमगढ़ जिले में 43 गांवों से 259.25 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया. 3,931 किसानों को 328.71 करोड़ रुपये का मुआवजा मिला.
20 जून 2025 को गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया जाएगा. इस मौके पर एक बार फिर किसानों के योगदान को याद किया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं इस आयोजन में मौजूद रहेंगे और किसानों को सम्मानित करेंगे.
इस परियोजना की सफलता का सबसे बड़ा श्रेय किसानों को दिया जा रहा है. सरकार का कहना है कि यदि किसान अपनी भूमि न देते, तो यह परियोजना संभव नहीं होती. सरकार ने उन्हें सम्मानित कर यह साबित कर दिया है कि वे केवल सहायक नहीं, बल्कि विकास के मुख्य साझेदार हैं.