सर्वश्रेष्ठ हिल स्टेशन: उत्तराखंड के मशहूर पर्यटन स्थल मसूरी को भले ही हर कोई जानता हो, लेकिन इसके ठीक पास ही बसा लंढौर आज भी बहुत से लोगों की नजरों से छिपा है. मसूरी से महज 6 किलोमीटर दूर स्थित यह हिल स्टेशन अपने शांत वातावरण, अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक विरासत के लिए जाना जाता है.
यदि आप भीड़-भाड़ से दूर किसी शांत, सुंदर और सुकून भरे पर्यटन स्थल की तलाश कर रहे हैं, तो लंढौर आपके लिए आदर्श जगह हो सकती है. यहां की वादियां, हरियाली और पहाड़ियों से ढकी ढलानें मन को सुकून देती हैं.
ब्रिटिश आर्मी के दौर में लंढौर को हिलिंग सेंटर के रूप में विकसित किया गया था. यहां की जलवायु और प्राकृतिक सौंदर्य को देखते हुए इसे बीमार सैनिकों के उपचार और विश्राम के लिए चुना गया था. आज भी यहां उस ब्रिटिश प्रभाव की झलक देखने को मिलती है.
लंढौर का सबसे प्रमुख आकर्षण है ‘लाल टिब्बा’, जो इस क्षेत्र की सबसे ऊंची चोटी है. यहां से दूर-दूर तक फैली हिमालय की चोटियों और आसपास की वादियों का नजारा बेहद मंत्रमुग्ध कर देने वाला होता है. यह स्थान फोटोग्राफी प्रेमियों और प्रकृति से जुड़े लोगों के लिए स्वर्ग जैसा है.
लंढौर में मौजूद क्लॉक टावर भी एक अहम ऐतिहासिक स्थल है. सन् 1930 में उग्र सिंह वर्मा द्वारा स्थापित यह टावर आज भी पर्यटकों को अपने विंटेज लुक और आकर्षण से खींचता है. यह टावर ब्रिटिश वास्तुकला और स्थानीय परंपरा का सुंदर मिश्रण है.
अगर आप कुछ शानदार व्यू पॉइंट्स की तलाश में हैं तो लंढौर का नंदा हिल्स आपकी सूची में जरूर होना चाहिए. यहां से आसपास की कई पहाड़ियों और वादियों का विस्तृत दृश्य देखने को मिलता है, जो आपके मन में लंबे समय तक बसा रहेगा.
लंढौर में आप स्थानीय व्यंजनों का स्वाद लेने के साथ-साथ कई अच्छे कैफे और रेस्तरां में भी समय बिता सकते हैं. यहां बेकरी, कॉफी शॉप्स और होम-कुक फूड की भी सुविधाएं उपलब्ध हैं. साथ ही ठहरने के लिए यहां बजट होटल से लेकर होमस्टे तक के विकल्प मौजूद हैं.
मार्च से जून और सितंबर से नवंबर के बीच का समय लंढौर घूमने के लिए सबसे बेहतर माना जाता है. इस दौरान मौसम सुहावना रहता है और आप पूरी तरह से प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं.
रेल और सड़क मार्ग से मसूरी पहुंचना बेहद आसान है. देहरादून तक ट्रेन या फ्लाइट से पहुंचकर वहां से टैक्सी या बस के ज़रिए 6 किलोमीटर का सफर तय कर लंढौर पहुंचा जा सकता है.