गर्मी से राहत पाने के लिए कई लोग टंकी के गर्म पानी में बर्फ डालकर ठंडा करते हैं और फिर नहाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये आदत सेहत के लिए खतरनाक हो सकती है? ब्रिटेन की लैंकेस्टर यूनिवर्सिटी की एक ताज़ा रिसर्च में यह चौंकाने वाला दावा किया गया है कि ज्यादा ठंडे पानी से नहाना, खासकर गर्मी में, दिल के मरीजों के लिए जानलेवा हो सकता है।
जब तापमान बढ़ा हो और आप गर्म वातावरण से सीधे बहुत ठंडे पानी के संपर्क में आते हैं, तो शरीर में एक झटके जैसी प्रतिक्रिया होती है, जिसे “कोल्ड शॉक रिस्पॉन्स” कहा जाता है। इससे हार्ट रेट अचानक बढ़ सकती है और ब्लड प्रेशर भी एकदम ऊपर चला जाता है। यही नहीं, दिल पर इस अनचाहे दबाव से कार्डियक अरेस्ट जैसी स्थिति भी बन सकती है।
किसे है सबसे ज्यादा खतरा?
विशेषज्ञों के मुताबिक, यह खतरा केवल हार्ट पेशेंट्स तक सीमित नहीं है। बुजुर्ग, हाई ब्लड प्रेशर या किसी भी तरह की कार्डियक समस्या से पीड़ित लोग इस रिस्क जोन में आते हैं। आम लोग भी अगर लंबे समय तक गर्मी में रहने के बाद अचानक ठंडे पानी से नहाते हैं, तो उन्हें भी यह झटका लग सकता है। रिसर्च में कहा गया है कि 15 डिग्री सेल्सियस या उससे कम तापमान वाले पानी से नहाना इस रिस्पॉन्स को और अधिक ट्रिगर करता है।
क्या होता है Cold Shock Response?
कोल्ड शॉक रिस्पॉन्स का मतलब है कि शरीर की सतह की रक्त कोशिकाएं अचानक ठंडे पानी के संपर्क में आकर सिकुड़ने लगती हैं, जिससे शरीर के अंदर ब्लड प्रेशर तेजी से बढ़ता है और दिल पर अचानक लोड पड़ता है। यह तापमान का अंतर हमारे हार्ट रेट को अस्थिर कर देता है, जिससे धड़कनें अनियमित हो सकती हैं। यह स्थिति विशेष रूप से हृदय रोगियों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है।
गर्मियों में नहाने का सही तरीका क्या है?
हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि गर्मियों में नहाने के लिए पानी का तापमान 26 से 28 डिग्री सेल्सियस के बीच होना सबसे उपयुक्त है। अगर आप बहुत गर्म होकर आ रहे हैं—जैसे धूप से या वर्कआउट के बाद—तो तुरंत ठंडे पानी से न नहाएं। पहले शरीर को सामान्य तापमान पर लाएं, फिर हल्के ठंडे या गुनगुने पानी से स्नान करें।
अगर ठंडे पानी से नहाना ज़रूरी हो तो पहले हाथ-पैर डालकर शरीर को थोड़ा-थोड़ा उसके अभ्यस्त करें और फिर बाकी शरीर पर डालें। लेकिन बर्फ डालकर बनाया गया ‘चील्ड’ पानी तो भूल से भी न इस्तेमाल करें, खासकर अगर आप हार्ट पेशेंट हैं।