30 साल के ज्यादा की उम्र की महिलाओं में थायरॉयड की समस्या काफी तेजी से बढ़ती जा रही है. महिलाओं में वजन, पीरियड या मूड में बदलाव समेत कई ऐसे संकेत होते हैं, जिनसे थायरॉयड की समस्या की आशंका जताई जा सकती है. ऐसे संकेतों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. आइए सबसे पहले जानते हैं कि 30 साल की उम्र के बाद महिलाओं में थायरॉयड का खतरा क्यों बढ़ जाता है.
महिलाओं में क्यों बढ़ जाता है थायरॉयड का खतरा?हार्मोन्स में बदलाव
महिलाओं के शरीर में 30 साल की उम्र के बाद हार्मोन संबंधी कई तरह के बदलाव होने लगते हैं. प्रेग्नेंसी, पीरियड्स में बदलाव या शरीर में होने वाले दूसरे बदलाव की वजह से थायरॉयड ग्रंथि पर सीधा असर पड़ता है.
तनाव और जीवनशैली
अक्सर 30 साल की आयु के बाद महिलाओं की जिम्मेदारियां काफी बढ़ जाती हैं, जिससे वो तनाव में रहती हैं. लगातार तनाव और असंतुलित डाइट की वजह से उनमे थायरॉयड की समस्या बढ़ सकती है.
पोषण की कमी
खाने में आयोडीन, विटामिन डी, सेलेनियम और जिंक जैसे पोषक तत्वों की कमी भी थायरॉयड के खतरे को बढ़ा सकती है.
परिवार में थायरॉयड का इतिहास
अगर किसी महिला के परिवार में किसी को थायरॉयड से संबंधित समस्या रही है, तो उनमें भी थायरॉयड संबंधी समस्या की आशंका काफी बढ़ जाती है.
महिलाओं में थायरॉयड के लक्षणअक्सर महिलाओं में थायरॉयड की समस्या के लक्षण हल्के होते हैं, जिन्हें कमजोरी, तनाव या उम्र का असर मानकर नजरअंदाज कर दिया जाता है, लेकिन इन्हें समय पर पहचान कर डॉक्टर से सलाह लेना बेहद जरूरी होता है, नहीं तो समस्या काफी बढ़ भी सकती है.
लगातार थकान और कमजोरी
अगर बिना किसी काम के थकान, सुस्ती या कमजोरी महसूस हो, तो ये थायरॉयड संबंधी समस्या का संकेत हो सकता है
वजन में बदलाव
थायरॉयड की समस्या होने पर अचानक वजन बहुत ज्यादा या बहुत कम हो सकता है.
मूड में बदलाव
थायरॉयड की समस्या होने पर महिलाओं में चिड़चिड़ापन, अवसाद, चिंता या याददाश्त कमजोर होने जैसी शिकायत हो सकती है.
पीरियड्स में गड़बड़ी
30 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं में पीरियड्स के अनियमित होने के साथ ही कम या ज्यादा ब्लीडिंग होना भी थायरॉयड में समस्या के संकेत हो सकते हैं.
बालों का झड़ना और त्वचा में सूखापन
थायरॉयड की समस्या होने पर अक्सर महिलाओं के बाल पतले हो जाते हैं और झड़ने लगते हैं, इसके अलावा त्वचा में रूखापन भी आ सकता है.
पाचन संबंधी समस्याएं
थायरॉयड की समस्या होने पर अक्सर पेट साफ नहीं होता है साथ ही कब्ज की समस्या भी रह सकती है.
नींद में समस्या
महिलाओं में अक्सर नींद पूरी न होना भी थायरॉयड का लक्षण माना जा सकता है.
आवाज में बदलाव
अगर किसी महिला की आवाज में बदलाव हो जाए या भारीपन आ जाए, तो इसे भी थायरॉयड में समस्या का संकेत माना जा सकता है.
आवाज में बदलाव या भारीपन।
पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करें
थायरॉयड की समस्या से बचने के लिए जरूरी है खाने में आयोडीन युक्त नमक, समुद्री शैवाल, अंडा, दूध, दही, फल, हरी सब्जियों और साबुत अनाज जैसे पोषक तत्वों को शामिल करें. इसके अलावा विटामिन डी, सेलेनियम और जिंक से भरपूर चीजें भी लेनी चाहिए.
तनाव से दूर रहें
योग, ध्यान, प्राणायाम और मेडिटेशन से तनाव कम करके थायरॉयड की समस्या से बचा जा सकता है. साथ ही पर्याप्त नींद लेना भी जरूरी है.
नियमित रूप से व्यायाम करें
रोजना व्यायाम करना, योग करना सेहत के लिए काफी अच्छा होता है, इससे भी थायरॉयड की समस्या से बचा जा सकता है.
धूम्रपान और शराब से बचें
धूम्रपान और शराब थायरॉयड की समस्या को बढ़ा सकती हैं, लिहाजा इनसे दूर रहना अच्छा होता है.
डॉक्टर से सलाह लें
30 साल की उम्र के बाद थायरॉयड की समस्या के प्रारंभिक संकेत मिलते ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. साथ ही डॉक्टर की सलाह पर जांच करवानी चाहिए और दवाएं लेनी चाहिए.