जिस मंदिर में दाढ़ी-मूंछ के साथ बजरंगबली विराजमान हैं, वो मंदिर राजस्थान के चूरू जिले के सालासर कस्बे में स्थित है. यह पूरे भारत में एकमात्र ऐसा मंदिर माना जाता है जहां भगवान हनुमान जी की प्रतिमा दाढ़ी और मूंछों के साथ है, जो इसे अत्यंत अनोखा बनाती है. सालासर बालाजी में हनुमान जी की मूर्ति का एक गोल चेहरा है और इस पर दाढ़ी व मूंछ भी बनी हुई है. यह देश का एकमात्र मंदिर है जहां बजरंगबली इस विशेष रूप में विराजमान हैं.
मान्यता है कि हनुमान जी की यह मूर्ति स्वयं प्रकट हुई थी. इसके पीछे एक रोचक कहानी है कि संवत 1811 (सन् 1754) में नागौर जिले के आसोटा गांव में एक किसान को खेत की जुताई करते समय यह मूर्ति मिली थी. किसान को मूर्ति मिलने के बाद, गांव के ठाकुर को सपने में भगवान की आवाज सुनाई दी कि “मैं मेरे भक्त मोहनदास के लिए प्रकट हुआ हूं इसलिए मुझे तुरंत सालासर पहुंचाओ.”
सालासर में संत मोहनदास महाराज को भी सपने में दाढ़ी-मूंछ वाले हनुमान जी के दर्शन हुए थे. उन्होंने बालाजी को इसी रूप में प्रकट होने की बात कही थी. ठाकुर ने बैलगाड़ी से मूर्ति को सालासर की ओर भेजा, और जहां बैलगाड़ी खुद रुक गई, वहीं इस मूर्ति को स्थापित किया गया. यह स्थान आज का सालासर बालाजी धाम है.
मंदिर परिसर में संत मोहनदास जी की समाधि और एक अखंड धूणी भी मौजूद है, जो 300 साल से अधिक समय से लगातार जल रही है. भक्तों की प्रबल आस्था है कि सालासर बालाजी के दर्शन मात्र से और नारियल चढ़ाने से हर मनोकामना पूरी होती है.
श्रद्धालु अपनी अरदास पूरी होने के लिए यहां मंदिर में नारियल बांधकर जाते हैं. सालासर बालाजी धाम सिर्फ राजस्थान में ही नहीं, बल्कि पूरे देश और विदेशों में भी हनुमान भक्तों के लिए आस्था का एक बड़ा केंद्र माना जाता है.