बाबा रामदेव दिन में केवल एक बार भोजन करते हैं, जिसमें तीन प्रकार की सब्जियाँ शामिल होती हैं। उनका मानना है कि सात्विक आहार के कारण, पिछले 50 वर्षों में उन्हें कोई बीमारी नहीं हुई है। उनका वजन 65 किलोग्राम है, हीमोग्लोबिन 17.5, रक्तचाप 70/110 और शर्करा का स्तर 70-75 के बीच रहता है।
उन्होंने अपने आहार और दिनचर्या के बारे में जानकारी साझा की। एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि 100 साल की उम्र में किसी को भी बुढ़ापे या बीमारी का सामना नहीं करना चाहिए। इसके लिए सात्विक आहार और योगाभ्यास आवश्यक हैं। उन्होंने बताया कि बचपन में एक बार मच्छर के काटने से उन्हें बुखार हुआ था, लेकिन उसके बाद से उन्हें कभी भी सर्दी, खांसी या खाद्य विषाक्तता का सामना नहीं करना पड़ा।
बाबा रामदेव ने बताया कि सुबह की शुरुआत कैसे की जाए, यह बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने सलाह दी कि सुबह उठने के बाद हल्का गर्म पानी पीना चाहिए। वह सुबह 3 बजे उठते हैं और इसके बाद ध्यान करते हैं। उन्होंने कहा कि दिन में केवल एक बार खाना सबसे अच्छा है।
बाबा रामदेव के अनुसार, दिन में एक बार खाना शरीर के लिए सबसे अच्छा है। उन्होंने बताया कि जो लोग अधिक मेहनत करते हैं, वे दो बार खा सकते हैं, लेकिन दिन में तीन बार खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। उनका आहार मुख्यतः फल और सब्जियों पर आधारित है, जिसमें लौकी, जुचिनी और अन्य मिश्रित सब्जियाँ शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि सबसे पहले कच्चे खाद्य पदार्थ जैसे फल और सलाद खाने चाहिए, फिर हरी सब्जियाँ, अनाज और अंत में मीठा। लेकिन मीठे में चीनी नहीं होनी चाहिए। इसके लिए आप मीठे फल, सूखे मेवे या गुड़ का सेवन कर सकते हैं।
बाबा रामदेव ने चावल और गेहूं को खतरनाक बताया, क्योंकि ये कई बीमारियों का कारण बन सकते हैं। उन्होंने कपालभाति और अनुलोम-विलोम प्राणायाम को अत्यधिक प्रभावी योगासन बताया। उन्होंने रात में मिठाई, चाय, कॉफी और दही खाने से मना किया।
कमजोरी को दूर करने के लिए अनार, गाजर, चुकंदर और ऐलोवेरा का सेवन करें। मूली पेट और जिगर के लिए फायदेमंद होती है। बाबा रामदेव ने इन खाद्य पदार्थों को अपने साक्षात्कार में शामिल किया।