एयरलाइन इत्र प्रतिबंध: भारत में रोजाना हजारों फ्लाइट्स उड़ान भरती हैं और लाखों यात्री इनसे सफर करते हैं. हवाई जहाज का सफर रोमांचक होने के साथ-साथ बेहद सुरक्षित और नियंत्रित नियमों के अधीन होता है. यात्रियों से लेकर चालक दल तक, सभी के लिए कुछ खास गाइडलाइंस होती हैं जिनका पालन करना अनिवार्य होता है.
हवाई यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाए रखने के लिए पायलट और फ्लाइट अटेंडेंट्स पर कई सख्त नियम लागू होते हैं. इनमें से एक नियम ऐसा है जो लोगों को अक्सर हैरान कर देता है—पायलट और फ्लाइट क्रू पर परफ्यूम लगाने की मनाही होती है.
जी हां, पायलटों को परफ्यूम लगाने की अनुमति नहीं होती. ऐसा सिर्फ एक सामान्य निर्देश नहीं, बल्कि सुरक्षा और तकनीकी कारणों से जरूरी गाइडलाइन है. यह निर्देश भारतीय नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) और अंतरराष्ट्रीय मानकों पर आधारित होता है.
मीडिया रिपोर्ट्स और उड्डयन विशेषज्ञों के अनुसार, फ्लाइट उड़ाने से पहले पायलट्स का ‘ब्रेथ एल्कोहल टेस्ट’ किया जाता है. इस टेस्ट के जरिए यह सुनिश्चित किया जाता है कि पायलट शराब के प्रभाव में तो नहीं है.
परफ्यूम में अल्कोहल की मात्रा होती है, और यदि इसे उड़ान से ठीक पहले लगाया जाए तो उसकी महक या वाष्प एल्कोहल टेस्ट को प्रभावित कर सकती है. इससे टेस्ट में गलत रिपोर्ट आने की संभावना रहती है.
एल्कोहल टेस्ट की सटीकता बनाए रखने के लिए पायलट को किसी भी ऐसे पदार्थ के उपयोग से दूर रहने की सख्त हिदायत दी जाती है जिसमें अल्कोहल हो. इसलिए परफ्यूम, डियोड्रेंट, माउथवॉश, टूथ जेल जैसी चीजों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया जाता है.
सिर्फ परफ्यूम ही नहीं, बल्कि माउथवॉश, टूथपेस्ट, टूथ जेल आदि में भी अल्कोहल पाया जाता है, जो टेस्ट को प्रभावित कर सकता है. इसलिए फ्लाइट स्टाफ को किसी भी अल्कोहल-आधारित उत्पाद का प्रयोग करने से बचना होता है.
पायलट और चालक दल का कोई भी सदस्य बिना चिकित्सा स्वीकृति के कोई भी दवा या फॉर्मूलेशन का सेवन नहीं करता. इसकी वजह यह है कि कुछ दवाओं का असर मानसिक सतर्कता और निर्णय क्षमता पर पड़ सकता है, जो उड़ान की सुरक्षा के लिए जोखिमपूर्ण हो सकता है.
फ्लाइट के पहले पायलटों की मेडिकल कंडीशन, एल्कोहल टेस्ट और अन्य जांचें की जाती हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे पूरी तरह से फिट-टू-फ्लाई हैं. किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या नियम उल्लंघन के मामले में पायलट को तुरंत ड्यूटी से हटा दिया जाता है.
आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि हवाई उड़ान की सुरक्षा सिर्फ टेक्नोलॉजी या पायलट की स्किल पर नहीं, बल्कि हर छोटे नियम पर निर्भर करती है. ऐसे में परफ्यूम या माउथवॉश जैसे सामान्य दिखने वाले उत्पाद भी सुरक्षा नियमों का हिस्सा बन जाते हैं.
यह नियम यात्रियों के लिए भी एक सीख है कि हवाई यात्रा के दौरान हम जो भी चीजें प्रयोग करते हैं, उनका असर यात्रा की सुरक्षा पर पड़ सकता है. यात्रियों को भी चाहिए कि वे फ्लाइट के दौरान कोई भी तीव्र गंध वाला परफ्यूम या स्प्रे प्रयोग न करें, जिससे आसपास के यात्रियों या क्रू मेंबर को दिक्कत हो सकती है.