अगर आप केंद्र सरकार के कर्मचारी या पेंशनभोगी हैं, तो आपके लिए अच्छी खबर है। जून 2025 के अंत में चार बड़ी घोषणाएं और घटनाएं सामने आई हैं, जो आपकी सैलरी, पेंशन, भत्तों और भविष्य की योजनाओं पर सीधा असर डाल सकती हैं। आइए विस्तार से जानते हैं इन चार महत्वपूर्ण अपडेट्स के बारे में।
20 जून 2025 को श्रम मंत्रालय ने AICPI (Agricultural & Rural Labour) के मई महीने के आंकड़े जारी किए हैं। इस बार दोनों इंडेक्स में मामूली गिरावट देखने को मिली है। एग्रीकल्चरल लेबर इंडेक्स अप्रैल में 1307 था, जो मई में घटकर 1305 हो गया है। वहीं, रूरल लेबर इंडेक्स 1320 से घटकर 1319 पर आ गया है। इन आंकड़ों का सीधा असर जुलाई 2025 से लागू होने वाले डीए (महंगाई भत्ता) और डीआर (महंगाई राहत) पर पड़ सकता है। फिलहाल 2% वृद्धि की संभावना जताई जा रही है, जिससे डीए 57% तक जा सकता है, लेकिन जून के आंकड़ों पर अंतिम निर्णय निर्भर करेगा।
दिल्ली स्थित आर्म्ड फोर्सेज ट्रिब्यूनल (AFT) ने एक ऐतिहासिक फैसले में मेडिकल आधार पर रिटायर हुए एयरफोर्स कॉर्पोरल को पेंशन देने का आदेश दिया है। यह मामला 1978 से जुड़ा है, जब संबंधित कर्मचारी को कम सेवा अवधि के चलते पेंशन से वंचित कर दिया गया था। ट्रिब्यूनल ने स्पष्ट किया कि यदि कोई भी कर्मचारी मेडिकल आधार पर अनफिट होकर रिटायर होता है, तो वह पेंशन का पात्र होता है, चाहे उसकी सेवा एक वर्ष से कम क्यों न हो। यह फैसला उन हजारों रिटायर्ड कर्मियों के लिए मार्गदर्शक साबित हो सकता है जिन्हें अभी तक पेंशन नहीं मिली है।
फिक्स्ड मेडिकल अलाउंस (FMA) को लेकर भी बड़ी मांग सामने आई है। फिलहाल केंद्र सरकार के पेंशनर्स को मात्र ₹1000 प्रतिमाह मेडिकल भत्ता दिया जा रहा है, जो महंगाई को देखते हुए बेहद कम है। पेंशनर्स की कई एसोसिएशनों ने इस राशि को बढ़ाकर ₹3000 करने की मांग की है और इसे 8वें वेतन आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को पत्र भेजे हैं। सरकार ने भी इस मांग को सकारात्मक रूप से लिया है और संकेत दिए हैं कि इसे वेतन आयोग की सिफारिशों में स्थान मिल सकता है।
क्लास पे अलाउंस को लेकर भी चर्चाएं तेज हो चुकी हैं। वर्तमान में सातवें वेतन आयोग के तहत यह अलाउंस ₹450 से ₹675 के बीच मिलता है, जो कर्मचारी की क्लास के आधार पर तय होता है। छठे वेतन आयोग में यह राशि ₹300 थी। अब अनुमान है कि आठवें वेतन आयोग में इस भत्ते को बढ़ाकर ₹850 से ₹1000 तक किया जा सकता है। यह भत्ता सीधे तौर पर बेसिक सैलरी में जुड़ता है, जिससे न केवल सैलरी में बढ़ोतरी होती है, बल्कि रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली पेंशन की गणना पर भी प्रभाव पड़ता है।
इन चारों अपडेट्स से यह साफ है कि आने वाले समय में केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स को राहत मिल सकती है। जहां एक ओर डीए में 2 से 3 प्रतिशत की संभावित बढ़ोतरी है, वहीं दूसरी ओर एफएमए और क्लास पे अलाउंस में बदलाव की उम्मीदें भी मजबूत हो रही हैं। AFT का फैसला उन सभी के लिए एक मिसाल बन चुका है, जो मेडिकल आधार पर सेवामुक्त हुए हैं लेकिन अभी तक न्याय से वंचित थे।
देशभर के लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स को उम्मीद है कि केंद्र सरकार जल्द ही इन सभी मामलों पर सकारात्मक निर्णय लेगी। खासकर FMA में वृद्धि और क्लास पे अलाउंस के संशोधन को लेकर केंद्र को गंभीरता दिखानी होगी। साथ ही AICPI के गिरते आंकड़ों को देखते हुए सरकार को डीए बढ़ोतरी पर समय रहते स्पष्टता प्रदान करनी चाहिए।