उदयपुर के आरएनटी मेडिकल कॉलेज के पीजी हॉस्टल में करंट लगने से मेडिकल ऑफिसर की मौत के मामले में परिजनों ने कॉलेज प्रशासन के लापरवाह अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। मृतक डॉ. रवि शर्मा के चाचा देवीकिशन शर्मा ने शहर के हाथीपोल थाने में मामला दर्ज कराया है। पुलिस ने बीएनएस की धारा 106 (1) के तहत लापरवाही से मौत का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। उधर, पांचवें दिन सोमवार को 600 से ज्यादा रेजीडेंट हड़ताल पर हैं। इसके चलते एमबी अस्पताल, जनाना, सुपर स्पेशियलिटी विंग सहित चांदपोल और हिरणमगरी अस्पताल में मरीजों का इलाज मुश्किल हो रहा है।
सबसे ज्यादा असर आईसीयू, इमरजेंसी और ऑपरेशन पर पड़ रहा है। एफआईआर में लिखा, शिकायत के बावजूद वाटर कूलर की मरम्मत नहीं कराई मेडिकल कॉलेज के पीजी हॉस्टल में करंट लगने की शिकायत रेजीडेंट पहले भी कई बार हॉस्टल प्रशासन, अस्पताल और कॉलेज प्रशासन से व्यक्तिगत और समूह में कर चुके हैं। जिसमें भविष्य में दुर्घटना की आशंका जताई गई थी, लेकिन प्रशासन ने अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाही बरतते हुए वाटर कूलर की मरम्मत नहीं करवाई। न ही वहां चेतावनी बोर्ड लगाया गया। इस लापरवाही के कारण डॉ. रवि शर्मा की करंट लगने से मौत हो गई। ऐसे लापरवाह अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
रवि परिवार में पहले डॉक्टर थे, पीजी में गोल्ड मेडलिस्ट थे: चाचा
चाचा जगदीश शर्मा ने बताया कि मेरा भतीजा डॉ. रवि शर्मा शुरू से ही पढ़ाई में काफी होशियार था। वह अजमेर के जेएलएन मेडिकल कॉलेज से एनेस्थीसिया में पीजी में गोल्ड मेडलिस्ट था। 12वीं के बाद उसने दो साल कोटा में तैयारी की और दूसरे चांस में उसे जोधपुर मेडिकल कॉलेज में यूजी में एडमिशन मिल गया। चाचा कहते हैं कि वह हमारे परिवार में पहले डॉक्टर थे। इससे प्रेरित होकर उनके चचेरे भाई डॉ. प्रशांत, डॉ. उज्ज्वल और डॉ. यश शर्मा भी डॉक्टर बने। डॉ. रवि के पिता दिलीप शर्मा नागौर के मकराना में साड़ी की दुकान चलाते हैं। वह अपने पिता का इकलौता बेटा था, उसकी एक छोटी बहन कोमल शर्मा है। पिता ने बड़ी उम्मीदों से अपने बेटे को डॉक्टर बनाया था। डॉ. रवि की एक बेटी डेढ़ साल की और दूसरी बेटी 3 साल की है।
डॉ. रवि का अंतिम संस्कार आज मकराना में होगा
डॉ. रवि शर्मा की मौत के चौथे दिन कल रात करीब 11:15 बजे उनका पार्थिव शरीर एंबुलेंस से उनके गृहनगर नागौर के मकराना भेजा गया। एमबी अस्पताल की मोर्चरी में सैकड़ों रेजिडेंट डॉक्टरों ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी। पुष्प वर्षा कर श्रद्धांजलि दी। उनका अंतिम संस्कार सोमवार को मकराना में किया जाएगा।