रिसाइकल प्लास्टिक से हॉर्मोन सिस्टम और मेटाबॉलिज्म को नुकसान: अध्ययन
Indias News Hindi June 23, 2025 11:42 PM

नई दिल्ली, 23 जून . हम रोजमर्रा के जीवन में कई बार रिसाइकल प्लास्टिक का यूज करते हैं, लेकिन इसका यूज करना हमारे लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकता है. एक नई रिसर्च में चेतावनी दी गई है कि रिसाइकल किए गए प्लास्टिक के एक छोटे से पेलेट में भी 80 से अधिक रासायनिक तत्व मौजूद हो सकते हैं, जो पानी में घुलकर जीवों के हॉर्मोन सिस्टम और वसा चयापचय (लिपिड मेटाबॉलिज्म) पर गंभीर असर डाल सकते हैं.

प्लास्टिक प्रदूषण का संकट अब वैश्विक स्तर पर पहुंच चुका है, जिससे मानव और पर्यावरणीय स्वास्थ्य दोनों को खतरा है. इस संकट का समाधान अक्सर ‘प्लास्टिक रीसाइक्लिंग’ को बताया जाता है, लेकिन इस अध्ययन से साबित होता है कि यह उपाय भी बिना जोखिम के नहीं है.

स्वीडन की यूनिवर्सिटी ऑफ गोथेनबर्ग और जर्मनी की यूनिवर्सिटी ऑफ लाइपज़िग के वैज्ञानिकों ने जर्नल ऑफ हैजर्डस मटेरियल्स में प्रकाशित इस अध्ययन में बताया कि उन्होंने दुनिया के विभिन्न हिस्सों से रिसाइकल किए गए पॉलीइथिलीन प्लास्टिक के पेलेट खरीदे और उन्हें 48 घंटे तक पानी में डुबोकर रखा. इसके बाद उस पानी में जेब्राफिश के लार्वा (लार्वा स्टेज) को पांच दिन तक रखा गया.

शोध के अनुसार, मछलियों के शरीर में वसा के निर्माण, हॉर्मोन नियंत्रण और मेटाबॉलिज्म से जुड़े जीन की सक्रियता में बदलाव पाया गया.

अध्ययन की प्रमुख लेखक और यूनिवर्सिटी ऑफ गोथेनबर्ग में ईकोटॉक्सिकोलॉजी की शोधकर्ता अजोरा कोनिग कार्डगर ने कहा, “इतनी कम अवधि के संपर्क में ही जीवों के भीतर इतनी गहरी जैविक प्रतिक्रियाएं देखना यह दर्शाता है कि प्लास्टिक में मौजूद रसायन जीवों के स्वास्थ्य के लिए कितना बड़ा खतरा हो सकते हैं.”

पहले के शोधों से यह भी सामने आया है कि प्लास्टिक में मौजूद हानिकारक रसायन इंसानों पर भी असर डालते हैं. जैसे प्रजनन स्वास्थ्य में गिरावट, मोटापा, मधुमेह और कैंसर तक का खतरा.

शोधकर्ताओं ने यह भी कहा कि प्लास्टिक रीसाइक्लिंग में सबसे बड़ी चुनौती यह है कि हमें यह कभी पूरी तरह से पता नहीं होता कि उसमें कौन-कौन से रसायन मौजूद हैं. प्लास्टिक में विभिन्न रसायनों के मिलने से आपसी रासायनिक क्रियाएं हो सकती हैं, जो उस सामग्री को अधिक विषैला बना देती हैं.

इस बीच, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के तहत वैश्विक प्लास्टिक संधि को अंतिम रूप देने के लिए दुनिया के सभी देशों के प्रतिनिधि अगस्त में जिनेवा (स्विट्जरलैंड) में अंतिम वार्ता के लिए जुटने वाले हैं.

डीएससी/एबीएम

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