गुवाहाटी, 23 जून (Udaipur Kiran) । असम प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 11 वर्ष और मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा के चार वर्षों के शासनकाल में असम ने अभूतपूर्व विकास यात्रा तय की है। खासतौर पर शिक्षा क्षेत्र में ढांचागत सुधार, पारदर्शी शिक्षक भर्ती और छात्रों की दक्षता वृद्धि असम को एक नए शैक्षणिक युग की ओर ले जा रहे हैं।
2021-22 से कक्षा 1 से 8 तक 9 भाषाओं (असमिया, बांग्ला, अंग्रेज़ी, हिंदी, बोड़ो, मणिपुरी, गारो, मार, कार्बी) में पढ़ने वाले 42 लाख छात्रों को 512.32 करोड़ रुपये की लागत से किताबें उपलब्ध कराई गईं। कक्षा 9 से 12 तक 12.5 लाख छात्रों को 297.29 करोड़ रुपये की लागत से किताबें दी गईं।
2021-22 से 2024-25 तक 1,066.45 करोड़ रुपये की लागत से 3.51 करोड़ यूनिफॉर्म वितरित किए गए, जिससे गरीब छात्रों को प्रत्यक्ष लाभ मिला।
45,000 सरकारी और प्रांतीयकृत विद्यालयों को 128.63 करोड़ रुपये की लागत से 2.09 करोड़ पुस्तकें दी गईं।
निपुण असम मिशन के तहत 1.79 लाख प्री-प्राइमरी शिक्षकों को एफएलएन प्रशिक्षण दिया गया।
8,561 माध्यमिक विज्ञान शिक्षकों को डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय, आईआईटी गुवाहाटी और एनआईटी सिलचर के सहयोग से 2022-24 में दक्षता प्रशिक्षण मिला।
अंग्रेज़ी शिक्षण में सुधार हुआ। एक हजार माध्यमिक शिक्षकों को गौहाटी विश्वविद्यालय के सहयोग से विशेष प्रशिक्षण दिया गया।
जनजातीय छात्रों को 398 करोड़ रुपये से अधिक छात्रवृत्ति दी गई।
13.2 लाख छात्रों को अंतिम परीक्षा शुल्क से छूट मिली।
13.1 लाख छात्रों का नामांकन और शिक्षा शुल्क माफ कर सरकार ने 585.66 करोड़ रुपये खर्च किए।
आनंदराम बरुवा स्कॉलरशिप के तहत उच्च शिक्षा के लिए 76,753 छात्रों को 112.86 करोड़ रुपये की सहायता दी गई।
डॉ. बाणीकांत काकती स्कूटर योजना के तहत 1.57 लाख मेधावी छात्रों को स्कूटर वितरित किए गए।
अब तक छह चरणों में गुणोस्तव कार्यक्रम के अंतर्गत स्कूलों का व्यापक मूल्यांकन किया गया।
2022 में ए ग्रेड पाने वाले स्कूल 4,841 थे, जो 2025 तक बढ़कर 13,300 हो गए।
ए ग्रेड प्राप्त 23,641 स्कूलों को पिछले दो वर्षों में 59 करोड़ रुपये की राशि दी गई।
2024 में शिक्षा सेतु असम प्लेटफॉर्म को प्रधानमंत्री की विशेष दक्षता बटिया मिली, जो राज्य की शिक्षा गुणवत्ता को दर्शाता है।
2,128 करोड़ रुपये की लागत से 352 उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों का निर्माण या पुनर्निर्माण किया गया।
चाय बागान क्षेत्रों में 118 मॉडल हाईस्कूल बनाकर उनमें शैक्षणिक कार्यक्रम भी शुरू किए गए हैं, जिससे लंबे समय से उपेक्षित इस क्षेत्र में शिक्षा का आधार मजबूत हुआ।
मुख्यमंत्री ‘निजुत मोइना योजना’ के तहत 1.61 लाख छात्राओं को हर वर्ष 10 माह की वित्तीय सहायता दी जा रही है, ताकि उच्च शिक्षा में उनकी भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
शिक्षा में निवेश, सुचारू वितरण प्रणाली, गुणवत्ता-आधारित मूल्यांकन और समावेशी योजनाओं के चलते असम का शिक्षा क्षेत्र देश में एक आदर्श मॉडल के रूप में उभर रहा है।
(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश