इस वर्ष सीधी जिले में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन विशेष परिस्थितियों में किया गया। शुक्रवार रात हुई मूसलाधार बारिश के कारण प्रशासन को तय कार्यक्रम स्थल को बदलना पड़ा और कार्यक्रम को मानस भवन में स्थानांतरित कर देना पड़ा। हालांकि स्थल छोटा था, लेकिन कार्यक्रम का उत्साह और सहभागिता उसी तरह बनी रही।
बारिश बनी बाधा, फिर भी जारी रहा योग का उत्साह
योग दिवस का आयोजन पहले एक बड़े खुले मैदान में किया जाना था, लेकिन मौसम की मार ने आयोजन को प्रभावित किया। तेज बारिश और जलभराव के चलते जिला प्रशासन ने आनन-फानन में कार्यक्रम स्थल को मानस भवन में शिफ्ट किया। मानस भवन का हॉल आकार में केवल 60×100 फीट का है, जो अब तक सीधी जिले में हुए सबसे छोटे स्तर के योग आयोजनों में से एक माना जा रहा है।
केवल चुनिंदा लोग ही बन सके हिस्सा
स्थान की कमी और सीमित बैठने की क्षमता को देखते हुए इस बार कार्यक्रम में आम नागरिकों को आमंत्रित नहीं किया गया। आयोजन में केवल शासकीय अधिकारी, कर्मचारी और जनप्रतिनिधि शामिल हुए। हालांकि, इनमें भी योग को लेकर उत्साह कम नहीं था। सभी उपस्थित लोगों ने मनोयोग से योगाभ्यास किया और कार्यक्रम की गरिमा को बनाए रखा।
प्रधानमंत्री के उद्बोधन से हुई शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर दिए गए उद्बोधन से हुई। उपस्थितजनों ने प्रधानमंत्री के भाषण को बड़े ध्यानपूर्वक सुना, जिसमें योग के वैश्विक महत्व, इसके स्वास्थ्य लाभ और जीवन में संतुलन की आवश्यकता पर बल दिया गया।
सीधी में आयोजन सीमित, पर संकल्प अटूट
हालांकि भौतिक रूप से यह आयोजन छोटा था, लेकिन इसमें भाग लेने वालों की ऊर्जा और योग के प्रति समर्पण में कोई कमी नहीं दिखी। प्रशासन ने सीमित संसाधनों में भी आयोजन को सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न योग आसनों का अभ्यास कराया गया, जिसमें प्राणायाम, ताड़ासन, भुजंगासन, वज्रासन और ध्यान प्रमुख रूप से शामिल रहे।