शिवसागर (असम), 23 जून (Udaipur Kiran) । असम के शिवसागर ज़िले के भटियापार इलाके में हो रहे गैस रिसाव को धीरे-धीरे नियंत्रित किया जा रहा है। अमेरिकी विशेषज्ञों की निगरानी में ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) की टीम दिन-रात इस गैस रिसाव पर काबू पाने के लिए प्रयासरत है। हालांकि, अब तक रिसाव को पूरी तरह बंद नहीं किया जा सका है, लेकिन ओएनजीसी का दावा है कि यह कार्य बहुत जल्द सफलतापूर्वक पूरा कर लिया जाएगा।
शिवसागर ज़िले के भटियापार इलाके में हो रहे गैस रिसाव को रोकने की दिशा में कार्य प्रगति पर हैं। अमेरिकी विशेषज्ञों की देखरेख में ओएनजीसी की टीम युद्ध स्तर पर काम कर रही है। इस बीच, प्रभावित परिवारों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। प्रारंभ में जहां केवल 75 परिवारों पर इसका सीधा प्रभाव पड़ा था, अब यह आंकड़ा बढ़कर 3,000 से अधिक हो गया है। राहत की बात यह है कि घटनास्थल से 30 मीटर के बाहर हाइड्रोकार्बन नहीं पाई गई है।
ओएनजीसी ने ताज़ा मूल्यांकन के आधार पर 500 मीटर के दायरे के बाहर रहने वाले लोगों को अपने घर लौटने और सामान्य गतिविधियां—जैसे खाना पकाना, बिजली का उपयोग करना आदि फिर से शुरू करने की सलाह दी है। कंपनी का कहना है कि गैस के दबाव में कमी आई है, जिससे ‘केपिंग’ यानी गैस रिसाव को पूरी तरह बंद करने की प्रक्रिया अधिक सुरक्षित हो गई है।
गैस कुएं को दिन-रात ‘वॉटर ब्लैंकेटिंग’ तकनीक से सुरक्षित किया जा रहा है। ओएनजीसी की क्राइसिस मैनेजमेंट टीम (सीएमटी) और विशेषज्ञों की टीम अब तक 10 ट्रेलरों में भरकर भारी रिग उपकरणों को सफलतापूर्वक स्थानांतरित कर चुकी है। कुएं को स्थायी रूप से बंद करने के लिए भारी मशीनरी की व्यवस्था की जा रही है, जिसमें अतिरिक्त ऊंचाई वाला ‘बूम क्रेन’ भी शामिल है। इस उद्देश्य से रिग मस्त की ऊपरी संरचना का सूक्ष्म निरीक्षण किया गया है, जिससे कि ट्यूबिंग को सुरक्षित तरीके से हटाया जा सके।
दूसरी ओर, वीर लाचित सेना एसके पेट्रो के कर्मचारियों के आर्थिक हितों की रक्षा के लिए आंदोलनरत है। संगठन ने बताया है कि जल्द ही कंपनी प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर इस मुद्दे का समाधान भी खोजा जाएगा।————–
(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश