जिले के जोड़ी गांव से एक और हिस्ट्रीशीटर का नाम सामने आया है। जीतू जोड़ी के बाद अब उसके साथी प्रवीण जोड़ी को भी एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) ने पकड़ लिया है। एजीटीएफ की टीम ने प्रवीण जोड़ी को चूरू से राउंडअप किया है और उससे एके-47 तस्करी मामले में पूछताछ की जा रही है। प्रवीण जोड़ी कोई साधारण व्यक्ति नहीं है। वह पहले राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल था, लेकिन आनंदपाल सिंह गिरोह से जुड़े होने के कारण उसे बर्खास्त कर दिया गया था। बर्खास्तगी के बाद वह पूरी तरह से अपराध की दुनिया में उतर गया और रोहित गोदारा गिरोह और लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के लिए काम करने लगा।
कैसे बना पुलिस कमांडो अपराधी
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार वह 2001 में कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुआ था, लेकिन गिरोह से जुड़े होने के कारण 2019 में उसे पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। प्रवीण जोड़ी का मुख्य काम व्यापारियों की जानकारी गैंगस्टरों को देना था। इसके बाद उन्हें धमकाकर फिरौती वसूलता था। प्रवीण को अपराध जगत में 'कमांडो' के नाम से भी जाना जाता था। एजीटीएफ ने बताया कि प्रवीण जोड़ी 17 अगस्त 2024 को चूरू के होटल सनसिटी में हुई फायरिंग मामले में भी शामिल था। इस पर 25 हजार रुपए का इनाम भी घोषित था। इससे पहले प्रवीण के साथी जीतू जोड़ी को गिरफ्तार किया गया था। उसकी सूचना पर जोड़ी गांव के खेत से एके-47 राइफल बरामद की गई थी। एजीटीएफ को सूचना मिली थी कि इस एके-47 के तार भी प्रवीण जोड़ी से जुड़े हैं, जिसके बाद से वह एजेंसियों के रडार पर था।
ऑपरेशन क्वीन के तहत पकड़ा गया
एजीटीएफ ने इस पूरे ऑपरेशन का नाम "ऑपरेशन क्वीन" रखा, क्योंकि रोहित गोदारा गैंग एके-47 को 'रानी' कहकर पुकारता था। इसी ऑपरेशन के तहत 4 जून 2025 को धौलपुर से एक और एके-47, मैगजीन और 34 जिंदा कारतूस जब्त किए गए थे। यह हथियार चूरू से एक लग्जरी कार में जयपुर ले जाया गया था, जिसे जीतू जोड़ी ने ही पहुंचाया था। 11 जून 2025 को एजीटीएफ ने जीतू जोड़ी की सूचना पर जोड़ी गांव के खेतों में दबे हथियार बरामद किए। इसके बाद से ही टीम प्रवीण जोड़ी की तलाश में जुटी थी।