7 वां वेतन आयोग अपडेट: केंद्र सरकार ने 7वें वेतन आयोग के तहत आने वाले कर्मचारियों को लेकर प्रमोशन और इंक्रीमेंट से जुड़ी एक महत्वपूर्ण चेतावनी जारी की है। इस आदेश का सीधा असर सेंट्रल सचिवालय सेवा (CSS), सेंट्रल स्टेनोग्राफर सर्विस (CSSS) और सेंट्रल सेक्रेटेरिएट क्लेरिकल सर्विस (CSCS) के अधिकारियों और कर्मचारियों पर पड़ने वाला है।
सरकार ने सभी मंत्रालयों और विभागों को स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए कहा है कि प्रमोशन से जुड़ी प्रक्रिया निर्धारित समय से पहले पूरी की जाए। यदि कोई विभाग समय सीमा का पालन नहीं करता है, तो संबंधित फाइल बिना असेसमेंट के ही अगले स्तर पर भेज दी जाएगी। इससे अधिकारियों के प्रमोशन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
वार्षिक परफॉर्मेंस असेसमेंट रिपोर्ट (APAR) के महत्व को ध्यान में रखते हुए कार्मिक मंत्रालय ने इस बार सख्त कदम उठाया है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि सभी अधिकारियों की APAR रिपोर्ट 1 जून 2025 को SPARROW पोर्टल पर भेजी जा चुकी हैं, और संबंधित रिपोर्टिंग अधिकारी को 30 जून 2025 तक अपनी टिप्पणी दर्ज करनी अनिवार्य है।
यदि कोई रिपोर्टिंग अधिकारी निर्धारित समय तक टिप्पणी दर्ज नहीं करता है, तो 1 जुलाई 2025 से संबंधित रिपोर्ट स्वतः अगले स्तर पर फॉरवर्ड कर दी जाएंगी। यह प्रणाली सुनिश्चित करती है कि कोई भी प्रमोशन केवल प्रक्रियात्मक लापरवाही की वजह से न रुके।
ऑल इंडिया अकाउंट्स कमेटी के महासचिव हरीशंकर तिवारी के अनुसार, APAR रिपोर्ट केवल सालाना मूल्यांकन ही नहीं होती, बल्कि यही दस्तावेज भविष्य में प्रमोशन, डेप्युटेशन और अन्य सरकारी लाभों का आधार बनता है। यदि रिपोर्ट अधूरी रह जाती है, तो कर्मचारी का प्रमोशन स्वतः ही रुक सकता है।
विभिन्न विभागों में यह देखा गया है कि कई कर्मचारियों ने समय रहते सेल्फ-अप्रेजल नहीं भरा, जिसके चलते सिस्टम ने 1 जून को उन्हें ऑटोमैटिक रिपोर्टिंग अधिकारियों के पास फॉरवर्ड कर दिया। अब रिपोर्टिंग अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे अपनी टिप्पणियां समय पर दर्ज करें।
कई रिपोर्टिंग अधिकारी अभी भी SPARROW पोर्टल की कार्यप्रणाली से पूरी तरह अवगत नहीं हैं। यही कारण है कि मंत्रालय ने सभी नोडल अधिकारियों से आग्रह किया है कि वे अपने विभाग के रिपोर्टिंग अधिकारियों को समयसीमा की जानकारी दें और प्रशिक्षित करें, ताकि 30 जून तक सारी रिपोर्ट्स फाइल हो सकें।
कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी ऑफिस मेमोरेंडम में स्पष्ट किया गया है कि सभी सेल्फ-अप्रेजल पहले ही रिपोर्टिंग अधिकारियों को भेज दिए गए हैं। अब अंतिम जिम्मेदारी रिपोर्टिंग अधिकारियों की है कि वे 30 जून 2025 तक अपनी टिप्पणी दर्ज करें, अन्यथा सिस्टम ऑटोमैटिक तरीके से इन्हें अगले चरण में फॉरवर्ड कर देगा।
सरकार की नई चेतावनी से स्पष्ट है कि अब केंद्रीय कर्मचारियों के प्रमोशन और इंक्रीमेंट से जुड़ी प्रक्रिया में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। समय पर APAR रिपोर्ट न भरने की स्थिति में कर्मचारी की फाइल बिना मूल्यांकन के ही आगे भेज दी जाएगी, जिससे भविष्य की पदोन्नति और वेतन वृद्धि पर असर पड़ सकता है।
इसलिए सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को सलाह दी जाती है कि वे सिस्टम पर लॉगिन कर रिपोर्टिंग प्रक्रिया को पूरा करें और सुनिश्चित करें कि उनकी फाइलें नियमानुसार समय पर आगे बढ़ाई जाएं।