Oyo पूर्ण रूप: जब भी बात होती है सस्ते, भरोसेमंद और सुविधाजनक होटल की, तो सबसे पहले नाम आता है OYO Rooms का. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि OYO का मतलब क्या है? दरअसल, OYO का पूरा नाम है “On Your Own” यानी ‘अपने दम पर’. यह सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि एक ऐसा विचार है जो आज भारत ही नहीं, दुनियाभर में ट्रैवलर्स और होटल मालिकों के लिए गेम चेंजर साबित हो चुका है.
OYO की शुरुआत 2013 में रितेश अग्रवाल ने की, जब वे केवल 19 साल के थे. उन्होंने देखा कि भारत में लाखों यात्री हैं जो कम बजट में साफ-सुथरा, सुरक्षित और सुविधाजनक ठहरने का स्थान ढूंढते हैं लेकिन उन्हें यह आसानी से नहीं मिलता.
यहीं से उन्होंने “On Your Own Rooms” की नींव रखी—जहां कोई भी यात्री बिना किसी बिचौलिए के, खुद से होटल ढूंढे, बुक करे और उसमें ठहरे.
OYO ने खुद को सिर्फ एक होटल बुकिंग एप्लिकेशन तक सीमित नहीं रखा. यह एक ऐसा टेक इनेबल्ड हॉस्पिटैलिटी नेटवर्क बन गया है जो होटल मालिकों को डिजिटल बुकिंग सिस्टम, स्टाफ ट्रेनिंग, ब्रांडिंग और कस्टमर मैनेजमेंट टूल्स जैसी सेवाएं भी उपलब्ध कराता है.
OYO के माध्यम से छोटे होटल्स बड़े ब्रांड्स की तरह ऑपरेट करने लगे, जिससे उनका व्यवसाय बढ़ा और यात्रियों को बेहतर अनुभव मिला.
OYO ने भारत से बाहर भी अपनी पकड़ मजबूत की है.
आज OYO के होटल्स मौजूद हैं:
यह वैश्विक विस्तार OYO को एक इंटरनेशनल ब्रांड की पहचान दिलाता है, जो बजट हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में अग्रणी है.
OYO की लोकप्रियता के पीछे कुछ बेहद अहम कारण हैं:
सोलो ट्रैवलर्स, कपल्स और फैमिली सभी के लिए उपयुक्त ठिकाना
OYO ने होटल इंडस्ट्री में डिजिटल बुकिंग, डायनामिक प्राइसिंग, कस्टमर फीडबैक मैनेजमेंट और इन्वेंटरी कंट्रोल जैसे फीचर्स लाकर तकनीकी बदलावों की एक नई लहर चलाई है.
OYO ऐप या वेबसाइट के माध्यम से अब कोई भी क्लिक भर में रूम बुक कर सकता है, वो भी बिना किसी एजेंट या लंबी प्रक्रिया के.
OYO की दीर्घकालिक रणनीति कुछ महत्वपूर्ण लक्ष्यों पर केंद्रित है:
OYO के फाउंडर रितेश अग्रवाल की कहानी भी युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है. कम उम्र में बड़ा सपना देखने वाले इस युवा उद्यमी ने साबित किया कि सही दृष्टिकोण और तकनीकी सोच से एक स्टार्टअप कैसे ग्लोबल ब्रांड बन सकता है.